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हेरिटेज ट्रेन चलाने का खेल!….वेबसाइट पर नो रूम व लंबी वेटिंग, ट्रैक पर ट्रेन चल रही पूरी खाली

-कालाकुंड-पातालपानी सेक्शन में मार्च 2024 में काम पूरा करने का फर्म पर दबाव।
-ट्रेन परिचालन से बाधा की आड़ में काम लंबित करने की आशंका


न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेल मंडल में कालाकुंड-पातालपानी सेक्शन में टूरिस्टों को सैर कराने के लिए शनिवार व रविवार को चलाई जा रही हेरिटेज ट्रेन इन दिनों भले ही खाली चल रही है। मगर आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकिट बुकिंग करने पर स्क्रीन पर नो रूम व लंबी वेटिंग दर्शाई जा रही है। हालात यह है कि सप्ताह में दोनों दिन यह ट्रेन खाली चल रही है। ट्रेन को निरंतर चलवाने में फर्जीवाड़े की आशंका साफ दिखाई देने लगी है। दरअसल, कालाकुंड-पातालपानी सेक्शन में इन दिनों ठेकेदार फर्म द्वारा स्टेशन डेवलपमेंट सहित अन्य काम किए जा रहे है। बताया जा रहा है कि वहां मार्च 2024 में काम पूरा करने का दबाव है।
पूरी कहानी में खास यह यदि ट्रेन निरंतर चलती रहेगी तो ठेकेदार के काम में व्यवधान आएगा। यदि डेवलपमेंट का काम लेट हुआ तो फर्म द्वारा इसकी यहीं पुख्ता वजह बताई जा सकेगी।
बता दें कि रेल मंत्रालय व पश्चिम रेलवे द्वारा सेक्शन को और बेहतर बनाने के फंड जारी किया गया। इसलिए सेक्शनों में निर्माण सहित अन्य काम किए जा रहे हैं। वर्तमान में हेरिटेज ट्रेन सप्ताह में दो दिन शनिवार व रविवार चलाई जा रही है। ट्रेन में तीन जनरल, दो ऐसी व एक चेयरकार सहित कुल छह कोच है।

वेबसाइट पर 2 व 3 मार्च को फूल, ट्रेन पूरी खाली

आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर कोई भी सर्च करेगा तो 2 व 3 मार्च यानी शनिवार व रविवार को 20 रुपए टिकिट के सेकेंड स्लीपर (जनरल) में नो रूम (नोट अवेलेबल), जबकि अन्य दोनों श्रेणी के कोच में वेटिंग दर्शाई जा रही है। धरातल पर देखी जाए तो 2 मार्च शनिवार को मात्र 10 यात्री थे। रेल अधिकारी इसकी पड़ताल सेक्शन में कार्यरत किसी कर्मचारी से कर सकते हैं। फर्जीवाड़े की यह स्थिति पिछले कुछ सप्ताह से देखी जा रही है।

खेल: ट्रेन चलेगी तो डेवलपमेंट काम बाधित होना तय

इधर, रेलवे के नियम है कि जब तक टिकिट बिकेंगे तब तक ट्रेन को चलाते रहेंगे। वहां जो डेवलपमेंट के काम चल रहे है, उन कामों को मार्च में पूरा करने का दबाव है। यदि ट्रेन चलती रहेगी तो फर्म का काम बाधित होने की पुख्ता वजह (बहाना) बताई जा सकती है। आशंका है कि ट्रेन को निरंतर चलाने के लिए फर्म द्वारा ही अधिक से अधिक टिकिट खरीदे जा रहे होंगे। क्योंकि जनरल बोगी के तो महज 20 रुपए ही टिकिट है। इस श्रेणी में केवल तीन बोगी ही है।

ट्रेन में यात्री से ज्यादा रेलवे स्टाफ

हालात यह है कि यात्री से ज्यादा रेलवे स्टाफ हेरिटेज ट्रेन के साथ रहता है। छह कोच की ट्रेन में दो इंजिन जुड़े है। इसके लिए दो लोको पायलट व दो असिस्टेंट लोको पायलट की ड्यूटी रहती है। इसी प्रकार एक ट्रेन मैनेजर, 2 ट्रेन लाइटिंग स्टाफ, 3 सीएन्डब्ल्यू व 3 डीजल शेड स्टाफ रहता है। शनिवार को इतने स्टाफ के बीच केवल 10 यात्रियों को ट्रेन से सैर कराई गई।


मामले में रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि टिकिट बुकिंग को लेकर रिज़र्वेशन प्राभारी से जानकारी ली जाएगी। ठेकेदार के काम को पूरा करने में अपेक्षित समय सीमा दी जाती है।

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