– कार्मिक विभाग में वेलफेयर इंस्पेक्टर की वर्किंग फेरबदल संबंधी आदेश जारी करने का सिलसिला जारी।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे में राजनीतिक दखल का दबाव अब प्रशासनिक सिस्टम पर भारी पड़ने लगा है। इसका उदाहरण रतलाम मंडल में महज एक कर्मचारी को लेकर देखने में आया। इस कर्मचारी के उच्चस्तरीय दबाव के चलते रेल प्रशासन को बार-बार आदेश रद्दोबदल करने पड़ रहे हैं। यह बात मुख्य कल्याण निरीक्षक फकरे आलम के संबंधी है। इसकी वर्किंग को लेकर तीसरी बार आदेश में बदलाव किया गया। बल्कि इसे पूर्ववत पसंदीदा सेक्शन देना पड़ा।
इंदौर से रतलाम का पहला तबादला आदेश
विभाग द्वारा पहले आदेश में चार कर्मचारियों की पोस्टिंग आदेश में मुख्य कल्याण निरीक्षक फकरे आलम की इंदौर से रतलाम पोस्टिंग की गई थी। लेकिन पश्चिम रेलवे मुख्यालय व रेलवे बोर्ड के दखल के बाद फकरे आलम के आदेश निरस्त कर स्थान यथावत किए गए।
हालांकि इसके जवाब में विभाग ने एक्शन लेते हुए 18 कल्याण निरीक्षक व मुख्य कल्याण निरीक्षक के आदेश की सूची जारी की थी। इसमें फकरे सहित अन्य की वर्किंग बदल दी। इसमें फकरे आलम को होस्टल बार्डन बना दिया। इससे पहले इसके जिम्मे इंदौर लोकल के अलावा इंदौर, उज्जैन व देवास सेक्शन तथा इंदौर से खंडवा सेक्शन की वर्किंग थी।
अब दोबारा खंडवा सेक्शन के आदेश
विभागीय सूत्रों के मुताबिक 4 सितंबर को इसी विषय से जुड़ा तीसरी बार वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी द्वारा आदेश जारी किया गया। इसमें फकरे आलम को राजेंद्र नगर, इंदौर, खंडवा सेक्शन की वर्किंग दी गई। इसी आदेश में अन्य मुख्य कल्याण निरीक्षक एसएन बैरागी को नागदा- इंदौर तथा इंदौर-देवास-उज्जैन सेक्शन की वर्किंग दी गई। चर्चा यह भी है कि बैरागी की यह वर्किंग मंडल कार्यालय में कार्यरत अन्य मुख्य कल्याण निरीक्षक से लेकर उस कर्मचारी के बोझ को हल्का कर दिया गया।