सुनो कर्मचारियों, यूपीएस भी छलावा…ओल्ड पेंशन स्कीम ही बुढ़ापे का सहारा, इस मांग को लेकर अब करेंगे हल्लाबोल
– 30 सितम्बर 2024 सोमवार को नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन।
-इंडियन रेलवे मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनरतले आयोजन।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा लागू की गई यूपीएस भी छलावा है। ऐसे में कर्मचारियों द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग जारी रहेगी। इसलिए अब धरना प्रदर्शन का रुख इख्तियार किया है। इसके लिए इंडियन रेलवे मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन ने कर्मचारियों को दिल्ली तलब किया है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशांत पंडा के नेतृत्व में रेल कर्मचारियों द्वारा 30 सितम्बर 2024 दिन सोमवार को नई दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर एक दिवसीय “विशाल पेंशन धरना प्रदर्शन” का आयोजन किया जाएगा।
भारतीय रेल तथा केंद्र और राज्य सरकार के तमाम एनपीएस कर्मचारी और कर्मचारी संगठन उक्त धरना प्रदर्शन में बहु संख्या में योगदान करके अपने पुरानी पेंशन की मांग को लेकर भारत सरकार के सामने अपना पक्ष रखेंगे।
इंडियन रेलवे मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नवीन बोकाड़िया ने बताया कि 24.08.2024 को भारत सरकार द्वारा नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में कुछ परिवर्तन लाकर उसका ही एक नए रूप में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीआई) को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है। जिसके अनुसार कोई भी एनपीएस कर्मचारी को उसकी 25 साल की सेवा ख़त्म होने पर ही इस स्कीम का सम्पूर्ण लाभ ले सकता है।अंतिम 12 महीने के वेतन के औसत का 50 फीसदी + महंगाई भत्ता के साथ पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
10 साल सेवाकाल के उपरांत सेवानिवृत्त के समय उसे न्यूनतम दस हज़ार पेंशन डीआर (महंगाई भत्ता) के साथ पेंशन का भुगतान किया जाएगा। इसके बदले वह कर्मचारी अपने अंशदान का बहुत बड़ा हिस्सा (83.3% ब्याज रहित आंकलन) अभ्यर्पण (सरेंडर) करना होगा। अगर कर्मचारी इस नियम से खुश नहीं होगा, तो एनपीएस ऑप्ट (ग्रहण) कर सकता है। साथ-साथ स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति पर उसे 60 साल की उम्र होने तक पेंशन के भुगतान के लिए इंतजार करना होगा।
इस यूपीए के कारण सभी कर्मचारियों के मन में शंका और आक्रोश है। इसलिए सभी एनपीएस कर्मचारियों का कहना है उन्हें पुरानी पेंशन के अनुसार ही बुढ़ापे की सामाजिक आर्थिक सुरक्षा के साथ मिलनी चाहिए। उनका एनपीएस में अंशदान को शेयर मार्केट के हवाले न सौंपकर सामान्य प्रोविडेंट फण्ड (जीपीएफ) की मान्यता दी जाए। जिससे कि उसे कभी भी अपने जमाधन को निकासी स्वतंत्रता का लाभ मिल सके।
अर्थात् 01/01/2004 से पहले लागु पुरानी पेंशन सभी कर्मचारियों पर लागू की जाए।