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एक्सेस पेमेंट का टेरर….रेलवे में बांट दिया अतिरिक्त पेमेंट, रिटायर्ड कर्मचारी के खाते में भी आता रहा वेतन

-लेखा विभाग के पकड़ी त्रुटी के बाद रिकवरी की शुरू की प्रक्रिया।

विभागों में बिल बटवारा व वर्किंग में असंतुलन।

न्यूज़ जंक्शन-18

रतलाम। कभी लाखों रुपए के भुगतान करने वाले रेलवे में अब कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर ही गड़बड़ी होने लगी है। ऐसी ही चूक पिछले दिनों उजागर हुई तो अधिकारी भी हक्के बक्के रह गए। भुगतान बिल तैयार करने में त्रुटि कर देने से कुछ कर्मचारियों को अतिरिक्त भुगतान किया जाता रहा। घोर आश्चर्य यह है कि इसमें रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल है। लेखा विभाग द्वारा यह चूक पकड़ ली गई। मामले में अभी भी जिम्मेदारों में घबराहट बनी हुई हैं। दूसरी ओर कार्मिक विभाग में वेतन संबंधित बिल बंटवारा व वर्किंग भी असंतुलित होने से विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

मालूम हो कि रेलवे में हर माह वेतन बिल तैयार होने के बाद इसकी विभागवार बारिकी से जांच करने की व्यवस्था है। कार्मिक विभाग से बिल तैयार होने के बाद लेखा विभाग में फारवर्ड किए जाते है। इसके बाद कर्मचारियों के खातों में भुगतान होता है। यह इसलिए कि पूरी प्रकिया में यदि किसी स्तर पर त्रुटि भी होती है तो इसे अन्य स्तर पर पकड़ी जा सके। ऐसे में एक्सेस भुगतान होने से बड़े सवाल उठने लगे है।

तीन माह से मिल रहा था अतिरिक्त वेतन

जानकारी के मुताबिक एक्सेस पेमेंट को लेकर पिछले तीन माह से कर्मचारियों को अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा था। एक मामले में रिटायर्ड कर्मचारी रेलवे छोड़कर चला गया। इसके बाद भी उसके खाते में वेतन आहरित होता रहा। दरअसल पीएफ नंबर की जांच नही की गई वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी के बजाय उसी नाम के रिटायर्ड कर्मचारी को वेतन किया जाता रहा। इसी तरह कोई कर्मचारी अनुपस्थित है उसके स्थान पर कम्प्यूटर से दूसरे का नाम उठा लिया गया। हालांकि लेखा विभाग द्वारा यह चूक पकड़ ली गई। ताबड़तोड़ फरवरी का संबंधित कर्मचारी का वेतन रोक दिया गया। इतना ही नहीं एक्सेस हुए भुगतान को जमा कराने के लिए कर्मचारी को लेटर भी भेजा गया। मामले वरिष्ठ अधिकारी द्वारा लताड़ लगाकर मामले को विभाग स्तर पर ही रखने के निर्देश दिए।

टेबल बदलाव के बाद काम वितरण में संतुलन नहीं

इधर, कार्मिक विभाग में पिछले दिनों कर्मचारियों के पिरियोडिकल तबादले के तहत कर्मचारियों के सेक्शन बदले गए। लेकिन काम वितरण को लेकर संतुलन नहीं होने पर सवाल खड़े लगे है। कर्मचारियों के बिलों के बंटवारे में पक्षपात की भी खबरें आ रही है। मामले में पीआरओ खेमराज मीणा से संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया।

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