न्यूज़ जंक्शन-18 हम आपके लिए इस बार महिला रचनाकार विशेष तीन कविता लेकर आए है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम से जुड़ी कविता में राजीव नयन के व्यक्तित्व व कृतित्व का पहलुओं का बेहतरी से समावेश किया है। इसके अलावा अन्य उम्दा कविता भी पेश की जा रही है।
जलज शर्मा
संपादक, न्यूज़ जंक्शन-18
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कविताओं के प्रमुख चयनकर्ता
संजय परसाई ‘सरल’
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राम
धैर्य नाम राम है
अजर वो राम है
विधि विधान राम है
सत्य वो राम है।
विपत्तियों से लड़े
वो शक्ति राम है
गहरे भाव से
भक्ति का नाम राम है।
राज से बनवास तक
बनवास से राम है
सहज, सरल और अटल
महारथी वो राम है।
मर्यादा में डटे वो
पुरुषोत्तम राम है
प्रतिमान दिन मान
चमकते वो राम है।
तुलसी का वरदान
वाल्मीकि का राम है
आदर्श का प्रतिमूर्ति
वो राम भगवान है।
-मित्रा शर्मा
महू (मप्र)
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मुड़कर देख लेना
कदम बढ़ा कर पीछे हटा न लेना
संग चल न सको कभी तो
धीरे-धीरे ही सही मगर
चाल बनाएँ रखना ना रुकना
फासले लाख हों जाएँ दरमियान मगर
दिल में जगह थोड़ी-सी बनाए रखना
जब भी दिल करे अलविदा कहने का
मुड़कर देख लेना और
लबों पर मुस्कान बनाएँ रखना
-कविता सूर्यवंशी
रतलाम (मप्र)।
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जाएंगे एक दिन जो छोड़
सुख पाने को कभी न जाना
कदमों को तुम लेना मोड
समझ रहे हो जिनको अपना
जाएंगे एक दिन जो छोड़ ।
सुखे गुलाबों से खुशबू का
कण- कण जब उड़ जाएगा
ना चाहूंगी लेकिन तुमको
याद कोई तो आएगा
बांध न लेना ऐसे बंधन
जिनको तुम ना पाओ तोड़
समझ रहे हो जिनको अपना
जाएंगे एक दिन जो छोड़ ।
आधे अधूरे से वह किस्से
आंखों में रह जाएंगे
याद करोगे जब भी उनको
आंसू बन ही आएंगे
जिनकी याद न जीने दे
ना लेना उनसे रिश्ते जोड़
समझ रहे हो जिनको अपना
जाएंगे एक दिन जो छोड़ ।
आडे ,तिरछे और धुंधले से
नाम लिखे जो किताबों में
याद ही उनके साथ रहेगी
छोड़ गए जो राहों में
जिन पन्नों पर नाम लिखा हो
उनको तो तुम देना मोड़
समझ रहे हो जिनको अपना
जाएंगे एक दिन जो छोड़ ।
-नेहा शर्मा
खेड़ा, बदनावर
जिला धार (मप्र)।