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ठेकेदार की मनमानी क्‍वार्टर नंबर 429 पार्ट-2….रेलवे क्‍वार्टर कंडम मतलब कब्‍जा जमा लों, कोई देखेगा नहीं, खाली भी नहीं कराएगा

2021 में इलेक्ट्रिक पॉवर विभाग ने क्‍वार्टर की काटी थी बिजली, बाद में आईओडब्‍ल्‍यू ने ठेकेदार को गोदाम के लिए दे दिया।


न्‍यूज जंक्‍शन-18
रतलाम। रेल मंडल के रतलाम मुख्‍यालय की रेलवे कॉलोनियों में ऐसे कई क्‍वार्टर है, जिन्‍हें प्रशासन द्वारा रहने योग्‍य नहीं माना है। इसे रेलवे की कार्यालयीन भाषा में कंडम क्‍वार्टर या बंगला बोलते है। इन क्‍वार्टरों को खाली रखने या गिराने की जिम्‍मेदारी इंजीनियरिंग विभाग की है। इसके बाद भी इस ओर कार्रवाई इसलिए नहीं की गई। रेलवे कॉलोनी स्थित कंडम क्‍वार्टर (बंगला) नंबर 429 के कब्जे की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। इलेक्ट्रिक पॉवर विभाग ने इस क्वार्टर का बिजली कनेक्‍शन काटकर मीटर निकाल लिया था। बावजूद बाद में हित साधने के लिए तत्‍कालीन आईओडब्‍ल्‍यू ने इसे सीधे ठेकेदार को गोदाम बनाने के लिए मंजूरी दे दी।

इसके बाद से ठेकेदार इसका निरंतर उपयोग कर रहा है। इसके बीच भी लिखित में देने पर भी अधिकारियों ने इसे गिराने की जहमत नहीं उठाई।
पाठकों को बता दें कि रेलवे कॉलोनियों में स्‍थ‍ित ऐसे कंडम क्‍वार्टरों में जुआ, सट्टा संचालन, अवैध गतिविधियां के अलावा केटरिंग के गोदाम भी बना लिए गए है। इससे छुटकारे के लिए भले ही जांच एवं मुहिम चलाई जाती है। उस दौरान इसे खाली जरुर करवा दिया जाता है। मगर गिराने की कार्रवाई नहीं होने से समस्‍या पूर्ववत ही हो जाती है।

पहला लेटर 2019 में भेजा गया

न्‍यूज जंक्‍शन-18 को पर्सनल विभाग से मिले गोपनीय दस्‍तावेजों में पूरी तरह से स्‍पष्‍ट है कि पर्सनल विभाग द्वारा वर्ष 2019 में पहला पत्र जारी किया गया था कि क्‍वार्टर नंबर 429 रहने योग्‍य नहीं है। इसलिए इसे जमीदोंह किया जा सकता है। लेटर भी इंजीनियरिंग विभाग से फॉरवर्ड होकर तत्‍कालीन आईओडब्‍ल्‍यू के पास पहुंचा था। इसके बाद वर्ष 2021 में सीनियर डीपीओ के संज्ञान में इसी पत्र को दोहराकर इंज‍िनियरिंग विभाग को सूचना दी थी। तब क्‍वार्टर की लाइट काटकर इसका मीटर निकाल लिया था। इस कार्रवाई के बाद कमीशनखोर तत्‍कालीन आईओडब्‍ल्‍यू द्वारा इसे गोदाम बनाने के लिए ठेकेदार को दे दिया। इसे आज भी खाली नहीं करवाया गया है। मामले में पीआरओ खेमराज मीणा से पक्ष जानने पर उन्‍होंने कहा कि यह पर्सनल विभाग से जुड़ा मेटर है। इसलिए मैं इसमें अपनी राय नहीं दे सकता हूं। हालांकि मीणा के इस बयान में रेलवे विभाग का बचाव साफ जाहिर है।

कंडम रेलवे क्‍वार्टरों का ऐसे उपयोग

-ठेकेदारों के निर्माण कार्य में आने वाली सामग्री रखने में उपयोग।
-ठेकेदार के अधीन काम करने वाले मजदूरों को ठहराने के लिए प्रबंध करना।
-कंडम क्‍वार्टर की छत को दुरुस्‍त करने के बाद ठेकेदार की सीमेंट रखने के लिए गोदाम बनाना।
-बड़ी मात्रा में ऑइल पेंट्स सहित पुताई की सामग्री रखने में उपयोग।

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