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ये कैसी स्क्रीनिंग: शारीरिक रूप से अक्षम सीनियर सेक्शन इंजीनियर को कारपेंटर, लोको पायलट को बना दिया पेंटर

-मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों की जारी सूचि में घोर विसंगति
-अक्षमता में कारपेंटरी व पेंटर का कैसे काम करेंगे कर्मचारी।

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। नियमों से रेलवे में शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हल्का काम दिए जाने का प्रावधान है। इसके दीगर अविवेकपूर्ण निर्णय के चलते अफसरों ने कुछ ऐसे अक्षम कर्मचारियों को मेहनत भरा काम थमा दिया। जिसे ओर करने में शायद ही वे सक्षम होंगे।
मंडल मुख्यालय से जारी किए इस आदेश की चारों ओर चर्चा है। दरअसल, रेलवे ने शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों की सूची जारी की। इसमें एसएससी (सीनियर सेक्शन इंजीनियर) को सीनियर कारपेंटर बना दिया। जबकि लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) को पेंटर बना दिया। इतना ही नहीं इन कर्मचारियों की ग्रेडपे भी निचली कर दी गई।
मालूम ही कि रेलवे में कर्मचारियों को पेरेलिसिस, हार्ट या शरीर के अंग से जुड़ी या अन्य गंभीर बीमारी होने पर उन्हें नियमों से हल्का काम देना जरूरी है। ऐसे कर्मचारियों द्वारा विभाग में आवेदन दिए जाने के बाद डॉक्टरों व अधिकारियों की पैनल द्वारा इसकी जांच की जाती है। इसके बाद अनफिट का लेटर जारी किया जाता है। नियमों से उन कर्मचारियों को समान ग्रेड के दूसरे उस पद पर नियुक्त करना होता है जिसे वे अक्षम होते हुए भी कर सके।

पहले टेक्नीशियन को बना दिया था सफाईवाला

इससे पहले भी रेल प्रशासन द्वारा 4200 ग्रेडपे के सीनियर टेक्नीशियन को 1800 ग्रेडपे में सफाईवाला बना दिया गया था। ट्रेड यूनियन के विरोध के बाद कर्मचारी को पूर्ववत ग्रेड में किया गया। इसी तरह 19.7.2023 को सहायक कार्मिक अधिकारी जगदीश प्रसाद द्वारा जारी आदेश में शारिरीक रूप से अक्षम 6 कर्मचारियों की सूची जारी की। इसमें 4600 ग्रेडपे के एसएससी अंकुर त्रिवेदी को 4200 ग्रेडपे में सीनियर कारपेंटर बना दिया गया। वहीं 4200 ग्रेडपे के राहुल कुमार शर्मा को 1900 ग्रेडपे में पेंटर के पद पर नियुक्ति के आदेश दे दिए। ये दोनों पद ऐसे है इसमें कर्मचारी काम करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।

इस पर हमारा विरोध रहेगा

इधर, मामले में वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ के मंडल मंत्री अभिलाष नागर का सीधा कहना है कि यह कर्मचारी विरोधी कार्रवाई का मनमाना आदेश है। इससे पहले भी सीनियर टेक्नीशियन घनश्याम दास को निचली ग्रेड में सफाईवाला पद पर नियुक्ति कर दिया था। पीएनएम में आइटम बनाकर विरोध जताया था। इसके बाद संशोधन कर कर्मचारी को पूर्ववत ग्रेड दी गई।

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