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अवंतिका एक्सप्रेस: यात्रियों ने तीन टीटीई व दो आरपीएफ जवान को बनाया बंधक, वलसाड में जीआरपी ने छुड़वाया

-जनरल यात्रियों को कोच में प्रवेश देख भड़के थे स्लीपर कोच के यात्री।
ट्रेनों में स्लीपर व जनरल कोच कम करने से आए दिन यात्रियों में हो रहा विवाद।

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। अवंतिका एक्सप्रेस में रविवार जनरल कोच के यात्रियों को देख स्लीपर में कंफर्म बर्थ के यात्रियों ने जमकर हंगामा मचाया। गुस्साए यात्रियों की भीड़ ने कोच में 3 टीटीई को बंधक बना लिया। इनकी सहायता के लिए पहुंचे आरपीएफ के दो जवानों को भी उतरने नहीं दिया। चेकिंग स्टाफ को बड़ौदा उतरना था। लेकिन उन्हें वलसाड स्टेशन तक ले गए। वहां बमुश्किल उतरने दिया गया। यह सारी समस्या ट्रेनों में स्लीपर व जनरल कोच कम कर ऐसी कोच बढ़ाए जाने से आ रही है।
इस वाकिए की शुरुआत उज्जैन व रतलाम स्टेशन के बाद से ही शुरू हो गई थी। जानकारी के मुताबिक ट्रेन में चेकिंग कर्मचारी धीरज हार्डिया, सुनील मीणा व कंडक्टर लालूराम वर्मा की रतलाम मंडल के इंदौर से बड़ौदा स्टेशन तक की वर्किंग थी। रतलाम के बाद ट्रेन के स्लीपर कोच एस-8 में बड़ी संख्या में जनरल यात्री घुस आए। इससे कंफर्म बर्थ के यात्रियों ने आपत्ति जताई। सुनवाई नहीं हुई तो यात्री ने चेन पुलिंग कर हंगामा खड़ा कर दिया। इस पर टीटीई सुनील मीणा और धीरज हार्डिया ने यात्रियों को समझाया। बाद में दोनों टीटीई ने कंडक्टर लालूराम वर्मा को फ़ोन कर बुलाया। कहासुनी के बाद जब हंगामा बड़ा तो चेकिंग स्टाफ ने रतलाम सीएमआई कंट्रोल और आरपीएफ कंट्रोल को कॉल किया। हालांकि कई बार कॉल करने पर भी रिसीव नहीं किया। ट्रेन भरूच स्टेशन पहुंची। तब वहां 2 आरपीएफ जवान पहुंचे। लेकिन हंगामा देख वे कोच के बाहर से ही रवाना हो गए।

50 यात्रियों ने टीटीई को जकड़ा

गुस्साए करीब 50 यात्रियों ने तीनों चेकिंग कर्मचारियों जकड़े रखा तथा उन्हें ट्रेन से उतरने नहीं किया। भरुच में आरपीएफ के 2 व जीआरपी के 2 जवान आए। आक्रोशित यात्रियों ने उनको भी कोच में बैठा लिया व उतरने नहीं दिया। ट्रेन जब सूरत पहुंची तब जीआरपी स्टॉफ आया। यात्रियों ने तीनों टीटीई के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करा दी कि इन्होंने जनरल कोच के यात्रियों को स्लीपर में बिठाया है। उसके बाद टीटीई को वलसाड स्टेशन पर उतरने दिया। वहां उतरकर टीटीई ने यात्रियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवाया।

इसलिए बढ़ रही है स्लीपर कोच में समस्या

रेलवे द्वारा आय बढ़ाने की प्लानिंग के तहत ट्रेनों में स्लीपर व जनरल कोच में कमी कर ऐसी कोच बढ़ा दिए। ट्रेनों में आगे-पीछे 3-3 जनरल व 10 से 12 स्लीपर कोच जुड़े आते थे। अब मात्र 2 से 3 जनरल और 5 से 8 स्लीपर कोच जोड़े जा रहे है। ऐसे में स्लीपर के कंफर्म सीट के यात्रियों को कोच में निकलने में परेशानी सहना पड़ा रही है। मामले में पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि मामले की जानकारी लेंगे।

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