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मानसून के पहले नालों की सफ़ाई भूले, क्विंटलों गाद व कचरा जमा, तेज बारिश हुई तो ओवरफ्लो तय

-शहर के अधिकांश नालों के यहीं हाल, निगम की अनदेखी बनेगी परेशानी का सबब।

न्यूज़ जंक्शन-18

रतलाम। मानसून की आमद से पहले लगता है नगर निगम के जिम्मेदार शहर के नालों की साफ सफाई करना भूल गए। एक दो नहीं, बल्कि शहर के अधिकांश नालो में अनदेखी साफ बयां कर रही है। इनमें क्विंटलों कचरा व बड़ी मात्रा में गाद अभी भी जमा है। तेज बारिश हुई तो नालों के ओवरफ्लो की समस्या रहेगी तथा शहर के उन क्षेत्रों की शक्ल बिगड़ना तय है, जहां से ये नाले गुजर रहे है। नालों की सफ़ाई में कोताही को लेकर अब कांग्रेस के नेता सीधे सवाल उठा रहे है।
मालूम हो कि शुक्रवार को धोलावाड़ डेम पहुंचे
नगर निगम महापौर प्रहलाद पटेल ने ट्रेंच खुदाई के लिए पोकलेन मशीन आने में देरी को देखते स्वयं पानी मे उतरकर मिट्टी निकलना शुरू कर दी थी। दूसरी ओर शहर में नालों के लिए पर्याप्त संसाधन व सफाई गैंग मौजूद है। इसके बावजूद अधिकांश नाले कचरे से पटे है।

इन एरिया में ओवरफ्लो, बस्तियों में घुसता है पानी

शहर के प्रमुख एरिया शास्त्री नगर, टाटा नगर, हाट रोड, जवाहर नगर, पीएनटी कॉलोनी, जनता कॉलोनी सहित कुछ मुस्लिम बस्तियों के बीच से गुजर रहे करीब एक दर्जन प्रमुख नाले तेज बारिश के दौरान वैसे भी ओवरफ्लो होते है। इन एरिया के नाले पर अतिक्रमण के चलते वैसे ही संकरे हो गए है। अब इनकी सफाई न होने से यह समस्या और भी विकराल हो सकती है।

नगर निगम के जिम्मेदार आँख मूंदे बैठे है
इस मामले में कांग्रेसी नेता व पार्षद यास्मीन शेरानी का कहना है कि पहले कभी नालों के सफाई की ऐसी समस्या नहीं रही है। वर्तमान परिषद के जिम्मेदार लोग जनता की इस समस्या को लेकर बेखबर है। वे पूरी तरह से आंखें मूंदे बैठे है। नालों में क्विंटलों कचरा जमा है। बारिश का पानी कहां जाएगा, कैसे निकलेगा। सीधी बात है कि आसपास रह रहे लोगों के घरों में ही घुसेगा। लोगों को परेशानी होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
इधर, मामले में स्वास्थ्य प्रभारी विशाल शर्मा से जानकारी लेनाचाही लेकिन उनका मोबाइल लगातार स्वीच ऑफ आ रहा था।

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