-चर्चगेट मुंबई से आए अयोग्य अभ्यर्थी को लिस्ट से हटाने के निर्देश।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। ‘कुलड़ी में गुड़ फोड़ने’ की मालवी कहावत रेलवे की विभागीय परीक्षाओं में शब्दसः चरितार्थ होने लगी है। इस बार एएमई (असिस्टेंट मैकेनिकल इंजीनियर) की परीक्षा में भी भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। गनीमत है यह अनदेखी समय रहते उजागर हो गई। ऐसा न होने पर अयोग्य कर्मचारी अफसर बनकर दूसरे अपने साथियों पर रौब झाड़ने से बाज नही आते। अब पश्चिम रेलवे मुंबई से आए आदेश में अयोग्य अभ्यर्थियों को सूची से हटाने की हिदायत दी गई।
दरअसल जेई तथा एसएसई से एएमई पद के लिए 4 अगस्त 2024 को रिटर्न टेस्ट के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रारंभिक परीक्षा के घोषित किए गए रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई। मामला पश्चिम रेलवे मुख्यालय पहुंचा। इसके बाद 27 सितंबर को मुख्यालय से लेटर जारी किया गया। इसमें 1 व 5 नंबर के 2 अभ्यर्थियों को लिस्ट से बाहर करने के आदेश दिए गए।
क्लर्क से लेकर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया
दरअसल यांत्रिक विभाग में एएमई पद की परीक्षा के लिए जितने भी अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे। उनकी जांच-पड़ताल की प्रकिया को अनदेखा किया गया। जबकि छानबीन की यह प्रकिया क्लर्क के अलावा अधिकारी स्तर पर की जाती है।
बताया जा रहा कि परीक्षा में केवल वो ही व्यक्ति शामिल हो सकते है। जिन्हें रतलाम मंडल में नौकरी करते पांच साल पूरे हुए हो। जो दो अभ्यर्थी अयोग्य माने गए है, उन्हें रतलाम मंडल में पदस्थ हुए अभी 5 साल भी पूरे नहीं हुए है। मामले में जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा का कहना है कि यह विभाग का आंतरिक मामला है। इसमें जनसंपर्क विभाग का दखल नहीं है। इसलिए इस पर रेलवे का पक्ष नहीं दे सकते है।
हर परीक्षा में अनदेखी बड़ा सवाल
विभागीय परीक्षाओं में हर बार की अनदेखी करना भूल या त्रुटि मानना भी गलत है। क्योंकि नियमों की जानकारी जिम्मेदारों को भलीभांति रहती है। हाल ही में स्टेनो परीक्षा में मेटरलिटिव अवधि में रही महिला अभ्यर्थियों को बुलाकर परीक्षा दिलवाई थी। उत्तीर्ण हुई एक अभ्यर्थी को तो पुनः लीव पर भेज दिया। इसमें भी नियमों से छेड़छाड़ के आरोप लगे है। इससे पहले भी टेलीकॉम विभाग में जेई पद की परीक्षा को लेकर लगे आरोपों के बाद इसे निरस्त करना पड़ी थी।