-निष्क्रिय पदाधिकारी के बजाय सक्रिय पदाधिकारी को फ्रंट लाइन में लाने की कवायद
-सर्जरी की सुगबुगाहट के बाद पदाधिकारियों में हलचल तेज।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। किसी संगठन को चलाने से ज्यादा मुश्किल काम इसमें पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को जोड़ें रखना होता है। वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ का मंडलीय नेतृत्व इन दिनों ऐसी ही पसोपेश की स्थिति में लगता है। दरअसल आगामी माह के बाद अध्यक्ष पर रिक्त होने पर नए अध्यक्ष का चयन किया जाना है। इसे लेकर निचले क्रम के पदाधिकारियों के तीखे तेवरों का अभी से सामना करना पड़ रहा है।
पिछले चुनावों से लेकर हाल ही में की गई सीडब्ल्यूसी नियुक्ति तक कई पदाधिकारी अभी भी संगठन से खफा है। जबकि कई पदाधिकारी ने पद पर काबिज होने के बावजूद काम करना व कार्यालय आना ही बंद कर दिया है। इस बड़ी परेशानी से निजात के लिए मंडलीय नेतृत्व पदों में फ़ेरबदल के मूड में आ गया है। संगठन से जुड़े सूत्र बताते है कि मंडल मंत्री अभिलाष नागर ने महामंत्री जीआर काबर को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया है। ऐसे में जल्दी ही एक बड़ी सर्जरी की कवायद किए जाने की पूरी संभावना है।
निष्क्रिय पदाधिकारी से छीनेंगे पद
सूत्रों की माने तो मजदूर संघ संगठनात्मक सर्जरी में निष्क्रिय पदाधिकारी से पद छीनकर उन्हें वह पद सौंपा जाएगा जो काम करने की क्षमता रखते है। प्रयोग के तौर पर कुछ नए पदाधिकारी को काम सौपकर उनकी कार्यक्षमता का आंकलन भी किया गया। ऐसे सक्रिय कार्यकर्ता को फ्रंट लाइन में लाया जाएगा। कुछ पदों का युक्तियुक्तकरण (फेरबदल) भी किया जा सकता है।
इन्हें मिल सकती है नई जिम्मेदारी
मजदूर संघ खेमें में आम चर्चाओं में कुछ नाम निकलकर आए है जिन्हें नए पद पर नियुक्त किए जाने की तैयारी है। मंडल मंत्री व सहायक महामंत्री की गुड लिस्ट में शामिल इंजीनियरिंग ब्रांच के वर्तमान अध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी को कोषाध्यक्ष पद से नवाजा जा सकता है। इसके अलावा लंबे समय से नाराज चल रहे अतुल सिंह राठौर को उपाध्यक्ष पद दिया जा सकता है। जबकि संगठन में सांत स्वभाव के कर्मठ युवा नेता कहे जाने वाले गौरव संत को सीडब्ल्यूसी का पद तथा महेंद्र गौतम को सहायक मंडल मंत्री या संयुक्त मंडल बनाया जा सकता है।
यूनियन में अध्यक्ष पर के लिए हलचल तेज
इधर, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन में मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा की अगले माह सेवानिवृत्ति है। इसके बाद नए पद की नियुक्ति के लिए दावेदारों के बीच हलचल तेज हो गई है। प्रमुख दावेदार में सहायक मंडल मंत्री नरेंद्र सिंह सोलंकी, हरीश चांदवानी तथा शैलेष तिवारी प्रमुख रूप से शामिल है। हालांकि भविष्य की तकरार को देखते मंडल मंत्री अभी से यह कहते हुए पल्ला झाड़ रहे है कि नियुक्ति का मामला पूरी तरह से महामंत्री जेआर भोंसले के हाथ में है। वहीं से अंतिम निर्णय होगा। जबकि ऐसे जिम्मेदार पद के लिए सौ फीसदी मंडल मंत्री का ही फीडबैक लिया जाकर नियुक्ति की जाती है।