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रोड नंबर 7 की ये सड़क… फर्म पर न तो कार्रवाई की, नहीं करवाई गई रिपेरिंग, अब बिल भुगतान की तैयारी

लीपापोती की सड़क के मेजरमेंट बुक भरने के लिए कर ली नापतौल।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे कॉलोनी स्थित रोड नंबर 7 की नई जर्जर सड़क एक बार फिर से चर्चा में आ गई। सड़क निर्माण के 15 दिन बाद ही इसकी ऊपरी परत खुलने लगी थी। इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया। तब एडीआरएम अशफ़ाक़ अहमद ने विभाग के अधिकारियों को पुख्ता मरम्मत करवाने के सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन बारिश के बहाने टालमटोल कर अनदेखा कर दिया गया। अब हैरत की बात है कि सड़क निर्माण के बिल भुगतान की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
दरअसल रतलाम मुख्यालय पर इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े ठेकेदारों की जमकर मौज बनी हुई है। वर्क ऑर्डर की रेवड़ी बांटकर चुनिंदा ठेकेदारों को धड़ल्ले से काम दिए जा रहे है। इसका खामियाजा रेलवे के अलावा रहवासियों को उठाना पड़ रहा है। क्योंकि रेलवे कॉलोनियों में बनाई सीमेंटेड सड़कें अपनी गुणवत्ता की खुद ही पोल खोलने लगी है। इसी क्रम में रोड नंबर 7 की सड़क भी अनदेखी व मनमानी की भेंट चढ़ गई।

15 दिन में हो बदसूरत हो गई थी सड़क

दरअसल रोड नंबर 7 पर पिछले दिनों मोटी राशि खर्च कर सीमेंटेड सड़क बनाई गई थीं। यह सड़क पहली बारिश भी नहीं झेल सकी। सड़क का सतही प्‍लास्‍टर उखड़ने लगा। 15 दिन में यह बदसूरत दिखाई देने लगी थी। खबर प्रकाशन के बाद हालांकि अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची थी। मगर ठेकेदार ने अधिकारी के कांधे पर हाथ रखकर समझा दिया कि सर, हमने सड़क तो मजबूत बनाई। मगर आने जाने वाले लोगों ने खराब कर दी। इधर मामले में जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि रेलवे में नियमों से काम होता है।

पेमेंट के लिए कर लिया सड़क का नापतौल, मेजरमेंट किया तैयार

रहवासियों के मुताबिक सड़क की मरम्मत किए बगैर ही अब बिल भुगतान की तैयारियां की जाने लगी है। तीन दिन पूर्व विभाग के जिम्मेदारों ने सड़क का नापतौल कर मेजरमेंट बुक में एंट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आशंका है कि दीपावली मनाने के लिए त्योहार से पहले बगैर रोकटोक बिल भुगतान भी कर दिया जाएगा

नाले में मटेरियल डाला, बढ़ी गंदगी की परेशानी

रहवासियों का कहना है कि सड़क निर्माण के बाद ठेकेदार ने जेसी बैंक के पीछे बने संकरे नाले में मटेरियल डाल दिया। उस दौरान आपत्ति ली तो ठेकेदार में कहा कि बाद में सफाई करवा देंगे। अब तक मटेरियल नही हटाया गया। इसस नाले का गंदा पानी अवरुद्ध होने से गंदगी व मच्छरों की समस्या पनपने लगी। इतना ही नहीं सड़क निर्माण के बाद हालातों का जायजा लेने आईओडब्ल्यू एक बार नही आए।

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