कांग्रेस विधायक प्रत्याशी पारस दादा की आमसभा में दादा ने कहा।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रतलाम कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा दादा की आमसभा कस्तूरबा नगर मेंन रोड पर हुई। इसमें दादा ने विधायक को चैलेंज देते हुए मंच पर जनता के सवालों का जवाब देने के लिए ललकारा। इस दौरान युवा नेता मयंक जाट ने भी कई तथ्यात्मक आरोप लगाए। वहीं कर्नाटक से आए गुरमीत सिंह सलूजा ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है।
आमसभा में मुख्य वक्त के रूप में गुरमीत सिंह सलूजा, कुलदीप इंदौरा, शहर अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, शैलेंद्र सिंह अठाना, कुसुम चाहर, फैयाज मंसूरी, राजीव रावत, शांतिलाल वर्मा, सुजीत उपाध्याय आदि पदाधिकारी गण मंचासीन रहे। कर्नाटक से आए गुरमीत सिंह सलूजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है, आप सरल सहज कांग्रेस के उम्मीदवार पारस सकलेचा दादा को ही वोट दें।
पानी की समस्या ज्यो की त्यों-मयंक
युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मयंक जाट ने पानी की समस्या पर जोर देते हुए कहा कि हमेशा विधायक हर बार उद्घाटन करते रहते हैं। लेकिन पानी की समस्या ज्यो की त्यों है। हर बार अख़बारों में खबर छपती है रोज नल से पानी देंगे। कब देंगे? उसका कोई भरोसा नहीं। हर थोड़े दिन में विधायक का काम है उद्घाटन करना और बहुमान करवाना। आप लोगों ने कभी विधायक को सड़कों पर चलते हुए देखा नहीं? क्योंकि वह तो महलों में रहने की आदि है। उनको क्या मालूम के यहां पर लोग धूल खा रहे हैं। मयंक जाट ने विधायक भवन में चार दरवाजे बताएं। जाट ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आते हैं चारों दरवाजे जनता के लिए एक-एक करके खुलते जाते हैं और जैसे ही चुनाव खत्म होंते हैं चारों दरवाजे आम जनता के लिए वापस बंद हो जाते है। विधायक प्रत्याशी पारस सकलेचा दादा ने अपनी आने वाली सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे वचन-पत्र में 1227 वचन है। हम इन पर काम करेंगे।
दादा के बोलते ही बजी तालियां
विधायक को आड़े हाथों लेते हुए दादा ने कहा कि अहंकार में तीन गए, धन, वैभव और वंश। यकीन ना आए तो देख लो रावण कौरव और कंस। सकलेचा ने कहा कि विधायक आप आमसभा क्यों नहीं करते? मेरा आपको खुला चैलेंज है कि आप आमसभा करे। अभी हमने दशहरा मनाया, दशहरे में रावण का वध होता है। रावण भी राजा था, उसमें बहुत सारे गुण थे, साथ ही उसमें तीन अवगुण भी थे। जिसके कारण उसका नाश हुआ। रावण में अहंकार था, क्रोध था और कामवासना थी…। यह मैं नहीं बोल रहा, यह रामचरितमानस बोल रही। रावण कितना भी दुबला हो या मोटा हो, एक सिर का हो या 10 सिर का हो। 21 फीट, 51 फीट का हो 101 फीट का हो। मरना रावण को ही है। इस दौरान तालियां भी बजती रही। रतलाम में विधायक ने पोस्टर लगाकर बताया कि रतलाम को महानगर बनाएंगे। अब महानगर बनने के लिए शहर की जनसंख्या एक करोड़ होनी चाहिए। रतलाम की आबादी 2011 में 2 लाख 44 हजार थी! अभी बढ़कर सवा तीन लाख से डेढ़ करोड़ कैसे हो गई भगवान जाने। दादा के वक्तव्य को सुनकर रतलाम की जनता ने दादा को खूब सराहा।
इस अवसर पर भारी संख्या में लोगो ने आमसभा को सुना।