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रेलवे सिंग्नल एवं टेलिकॉम विभाग: जेई की परीक्षा में धांधली का आरोप, लिखित आपत्ति फिर भी ग्रीन सिग्नल

-पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद ने ली आपत्ति, मिली भगत की गहराई आशंका।

-संज्ञान में मामला होने पर भी कार्रवाई से बच रहे आला अधिकारी।

न्यूज़ जंक्शन-18

रतलाम। रेलवे भर्ती की परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को सफल होने में भले ही पसीना आ जाए। मगर विभाग में पदोन्नति या अन्य विभाग के लिए उन्नत पोस्ट की विभागीय परीक्षा में यदि सफल होना है। तब सब कुछ आसान व संभव हो जाएगा। कोई कुछ बोलने वाला नहीं है।

अब तक रेलवे के विभागों की परीक्षा को लेकर सवाल खड़े होते रहे। इस बार अनियमितता के यह आरोप सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग में पिछले दिनों हुई टेलीकॉम जेई (एलडीसीई) की परीक्षा को लेकर लगाए है। पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के जोनल महामंत्री शिवलहरी शर्मा ने डीआरएम से लेकर एडीआरएम तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों तक को तथ्यात्मक शिकायत दर्ज करा दी है। लेकिन कार्रवाई न कर मानो जिम्मेदार गड़बड़ियों को भी जायज मान रहे है।

परिषद के जोनल महामंत्री शर्मा ने कहा कि रेलवे की विभागीय परीक्षा में सदैव अनदेखियों का खामियाजा अन्य कर्मचारियों को उठाना पड़ता है। इस बार सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग की टेलिकॉम जेई परीक्षा में घोर धांधली की गई है। प्रभावित कर्मचारियों ने भी लिखित शिकायत की है। यदि परीक्षा निरस्त नहीं की गई तो मामला रेलवे बोर्ड तक ले जाकर कार्रवाई करवाएंगे।

टीसी टीएनसी में कराई थी विजिलेंस जांच

वर्ष 2016 में टीसी टीएनसी पद के लिए विभागीय परीक्षा में भी अनियमितता के आरोप लगे थे। तब पश्चिम रेलवे मुख्यालय से लेकर रेलवे बोर्ड स्तर पर शिकायत की गई थी। मामले में विजिलेंस जांच भी हुई थी। इसके अलावा भी विभागीय परीक्षा में सन्देहास्पद प्रकिया को लेकर आम तौर पर चर्चाएं होती रही है। पूर्व परीक्षा का मामला भी जबलपुर कोर्ट में विचाराधीन है।

टेलीकॉम जेई में आरोपों के यह तथ्य

50 फीसदी प्रश्न एक ही पुराने पेपर से जारी कर इस बार की परीक्षा में सम्मिलित कर लिए गए। इससे लीक होने की पूरी आशंका निर्मित हुईं है।

-चुनिंदा कर्मचारियों को लाभ देने के लिए परीक्षा के पूर्व ही ट्रेनिंग में भेज दिया गया।

-शाखा अधिकारियों के स्थानांतरण प्रकियाधीन होने पर भी बार-बार तिथियां बदली गई।

-परीक्षा की यह तारीख पहले 2.8.2023 की गई। बदलकर 24.8.2023 की गई। बाद में इसे 30.7.2023 करना संदेहास्पद है।

-अधिकांश परीक्षाओं में तारीख बढ़ाई जाती है। लेकिन टेलिकॉम जेई परीक्षा में तय तारीख से पहले आयोजित करने का फ़ैसला कैसे ले लिया गया।

रेलवे बोर्ड के नियमों के मुताबिक परीक्षा परिणाम घोषित करने के पूर्व उत्तर कुंजी जारी नहीं की गई। परीक्षा में शामिल हुए कर्मचारियों से उत्तर कुंजी में आपत्तियां भी नहीं ली गई।

-परीक्षा में शामिल कर्मचारियों के कुल प्राप्तांक को सार्वजनिक न करते हुए सीधे पैनल जारी कैसे कर दिया गया।

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