-रेलवे कॉलोनी में सड़क निर्माण में जिम्मेदारों की सांगठांग हुई उजागर
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे में अफसरों की मेहरबानी ठेकेदारों पर इस कदर हावी है, इसका उदाहरण देखना हो तो रेलवे कॉलोनियों में बनाई गुणवत्ताहीन सीमेंटेड सड़क पर आसानी से दिखाई देगा। कुछ ही दिनों पहले कॉलोनी में धुल-मिट्टी की तर्ज पर सीमेंटेड सड़क बनाई गई थी। यह पहली बारिश भी नहीं झेल सकी तथा उखड़ने लगी है। किसी भी सड़क निर्माण में शासकीय एजेंसी की निगरानी तथा निर्माण की ग्यारंटी अवधि तय रहती है। इससे अभाव में आसानी से बगैर सामग्री अनुपात के धड़ल्ले से सीसी निर्माण कर रेलवे के मोटे बजट को धुला किया जा रहा है।
मालूम हो कि इससे पहले भी स्टेशन एरिया में सीमेंट-कंक्रीट से बनाई गई गुणवत्ताहीन सड़क चर्चा का विषय बनी थी।
एक माह के अंदर ही खुदने लगी सड़क
इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दिए गए ठेके में ठेकेदार द्वारा रोड नंबर 6 के पास बारिश के पहले ही मोटी राशि खर्च कर सीमेंटेड सड़क का निर्माण किया था। कमीशन के झोल में बनी यह सड़क पहली बारिश भी नहीं झेल सकी। सड़क का सतही प्लास्टर उखड़ने लगा। रहवासियों का कहना है कि यह एक साल भी चल पाएगी, यह कहना मुश्किल है। इसी तरह न्यू रेलवे कॉलोनियों में क्वार्टर्स के पीछे गंदगी से छुटकारे के लिए सीसी निर्माण किया गया। इसके निर्माण में मुरम की पतली लहर चढ़ाकर उपर से कच्चा-पक्का मटेरियल से सीसी निर्माण कर लिया गया। कुछ ही दिनों में इसकी दुर्दशा की कहानी बयां होने लगी है। मामले में जनसंपर्क विभाग का कहना है कि निर्माण कार्यों में रेलवे की निगरानी रहती है।
सर्विस रोड को लेकर जताई थी डीआरएम ने नाराजी
एक साल पहले फ्रीगंज बॉयपास से स्टेशन तक बनाई गई सीमेंटेड सड़क का भी ऐसा ही बेहाल हुआ था। रेलवे के उम्रदराज ठेकेदार द्वारा इस सड़क का निर्माण किया था। इसके बाद तत्कालीन सांसद द्वारा इसका लोकार्पण किया था। इसके एक माह बाद ही सड़क जगह-जगह से खूद गई थी। डीआरएम की नाराजी के बाद इस पर पेंचवर्क किया गया। इसके बाद इसका काम चलाया जा रहा है। बता दें कि यह वहीं उम्रदराज ठेकेदार है जिस पर जिम्मेदारों की भरपूर मेहरबानी से स्टेशन डेवलपमेंट के काम का ठेका दिया गया। बदले में हर बिल पास करने पर भरपूर कमीशन राशि पेश की गई।