Logo
ब्रेकिंग
विहिप का आक्रोश....वक्फ बोर्ड के विरोध की आड़ में पश्चिम बंगाल में ज्यादती के खिलाफ उठी आवाज, सौंपा ग... प्यादे छोड़े वजीर हासिल किया....यूनियन नेता बोले-मांझी व पटेल को तो हमने ही निष्कासित किया, मजदूर संघ... लोकसभा अध्यक्ष बिरला बोले- रतन जांगिड़ रतलाम का गौरव...ऊर्जावान, युवा कार्यकर्ता व समाजसेवी, इसलिए सौ... रेल संगठन में अदला-बदली...यूनियन छोड़ मजदूर संघ के हो गए पदाधिकारी व कार्यकर्ता इसे कहते है इंसानियत....टीटीई ने पद का सम्मान बढ़ाया, कोच में यात्री का छूटा 6 हजार रूपयों से भरा पर्... रेलवे जीएम के हाथों शील्ड थामते अफसरों के खिले चेहरे, रतलाम में स्वागत से हुए अभिभूत, वर्ष 2024-25 क... भारतीय रेल परिवहन दिवस की सच्ची तस्वीर.... रिटायर्ड की ऐसी भी लाइफ स्टाइल...120 प्... संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प दोहराया...विश्व हिंदू परिषद सामाजिक समरसता विभाग द्वारा बाबा सा... महाराजा रतनसिंह एक दूरदर्शी और वीर योद्धा, संपूर्ण राजमहल सौंदर्यीकरण के प्रयास होंगे बाबा साहब के आदर्शों को आत्मसात करें...वक्ताओं ने जीवन पर प्रकाश डाला, प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कृत ...

शाही सवारी के पहले शाही अंदाज के मंत्री जी की नदारदगी….राजनीतिक हलकों में गर्माहट, शहर में जोरों पर चर्चा

-श्रावण के आखरी सोमवार की गढ़ कैलाश की शाही सवारी की तैयारी का मामला।
-भाजपा की पूरी जमात के बीच फ्लेक्स में कहीं दिखाई नहीं दे रहे कैबिनेट मंत्री।


न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। श्रावण के आखरी सोमवार को भगवान गढ़ कैलाश की निकलने वाली शाही सवारी की शहर में तैयारियां जोरों पर है। कार्यक्रम भले ही धार्मिक है। लेकिन इसकी पूर्व तैयारियों ने शहर की राजनीति गर्माहट व सियासी हलकों में हलचल पैदा कर दी है। ऐसा इसलिए कि आगामी इस शाही सवारी में शाही अंदाज के लिए पूरे प्रदेश में पहचाने जाने वाले कैबिनेट मंत्री की सहभागिता से दूरी दिखाई देना है।
दरअसल इस कार्यक्रम की तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी के सभी अग्रणी नेता फ्लेक्स व होर्डिंग्स के जरिए प्रचार-प्रसार में जुटे है। वहीं रतलाम विधानसभा सीट से ही प्रदेश सरकार के प्रतिनिधित्व तक पहुंचे कैबिनट मंत्री चेतन्य काश्यप के फोटों कहीं भी नहीं होने से आम चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कई सवाल भी खड़े होते दिखाई दे रहे है।


दरअसल रतलाम शहर में भाजपा की राजनीतिक चौसर की बात की जाए तो पिछले दशक से डालूमोदी बाजार सहित कुछ क्षेत्रों व स्टेशन रोड के बीच की पड़ी खाई अभी भी पटी नहीं है। बल्कि नेताओं के बीच अंदरूनी खिंचतान अभी भी बरकरार है। यहीं वजह है कि शहर में राजनीतिक गतिविधियों व धार्मिक कार्यक्रमों में इन धड़ों के अलग-थलग खड़े रहना फुटव्वल के साफ इशारे करता दिखाई देता है।

शहर भर में लगे पोरवाल व चौटाला की अगुवाई के फ्लेक्स

दरअसल गढ़ कैलाश समिति ट्रस्ट के आयोजन में शहर से शाही सवारी निकलेगी। अप्रत्यक्ष तौर पर इसके आयोजन का जिम्मा आरडीए अध्यक्ष रहे अशोक पोरवाल ने अपने का नंढो

कांधों पर ले लिया है। साथ ही भाजपा नेता अशोक चौटाला गढ़ कैलाश समिति संचालन के पुरोधार भी माने जाते है। राजनीतिक संबंधों की बात की जाए तो इन दोनों नेताओं का मंत्री काश्यप के साथ कभी सौहार्दपूर्ण व्यवहार था। कुछ ही समय बाद राजजनीतिक उम्मीदों व अपेक्षाओं के चलते दूरियां बढ़ने लगी, जो आज भी इनके बीच कायम है। यहीं वजह है कि एक दूसरे के कार्यक्रमों में इनकी दूरियां रहने लगी है। यह आम तौर पर देखी जा सकती है।

 

फ्लेक्स में इनकी सहभागिता

भगवान गढ़ कैलाश की शाही सवारी के फ्लेक्स व होर्डिंग्स लगभग शहर के सभी प्रमुख चौराहा व बाजारों में लगे व टंगे है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अनुसूचित जाति विभाग मंत्री नागरसिंह चौहान रहेंगे। इसलिए इनके फोटो के अलावा, सांसद अनिता नागर सिंह चौहान, रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर के भी फोटों है।

वहीं सौजन्यता में मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा, जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी सहित अन्य नेताओं के अलावा समिति पदाधिकारियों के प्रमुख तौर पर फ़ोटो शामिल है। इन सभी के बीच प्रदेश की राजनीति की प्रमुख पंक्ति में शामिल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप के फोटों शहर के किसी फ्लेक्स व बैनर पर नहीं दिखाई देना सियासी खींचतान की कहानी बयां करने के लिए काफी है।
इधर, मामले में पूर्व आरडीए अध्यक्ष अशोक पोरवाल से पूछे जाने पर उन्होंने इस बात को माना कि शाही सवारी में उनकी अगुवाई है। लेकिन यह भी कहा कि फ्लेक्स में नेताओं के फोटो का चयन आयोजन समिति गढ़ कैलाश ट्रस्ट का फैसला है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.