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रेलवे यूनियन मान्यता चुनाव में पेंच…सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन मैदान से बाहर, 7 दिनों में मांगा पक्ष

-रतलाम मंडल में फिलहाल ट्रेड यूनियनों के चुनावी मैदान में मिली राहत।
न्यूज़ जंक्शन18
रतलाम। चार, पांच और छह दिसंबर को होने वाले रेलवे यूनियन मान्यता के चुनाव में नया पेंच आ गया है। चुनाव लड़ने वाली यूनियनों में से एक यूनियन को मैदान से बाहर कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन फिलहाल चुनावी मैदान से बाहर होना पड़ रहा है। मंगलवार को जारी बैलेट पेपर में वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन, पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के अलावा जोन से जुड़े अन्य संगठन को ही जगह दी गई है। हालांकि ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन के रतलाम मंडल पदाधिकारी का कहना है कि उनकी यूनियन से 7 दिन के भीतर पक्ष मांगा है। चुनाव के पहले इस आदेश की बहाली भी हो सकती है।
बता दें कि रेल मंत्रालय द्वारा गठित गुप्त

मतदान चुनाव कमेटी की अधिसूचना के अनुसार रेलवे में ट्रेड यूनियन की मान्यता के चुनाव 4, 5 और 6 दिसंबर को होना है। इसके लिए 11 नवंबर को वैध नामांकन की सूचना जारी की गई थी। तब ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन के भी चुनाव लड़ने के रास्ते साफ हो गए थे। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ट्रैक मेंटेनर यूनियन को राहत मिली थी। अब चुनाव में फिर से नया मोड़ आ गया है।

35 फीसदी मतदान का संगठनों पर था जबरदस्त दबाव

पूर्व में ट्रैक मेंटेनर यूनियन की एंट्री व चुनाव में ताल ठोकने से दोनों मान्यता प्राप्त यूनियन सहित पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद पर जबरदस्त दबाव आ गया था। इनके लिए 35-35 फीसदी वोट लाना मुश्किल लगता देख पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने दिन-रात जनसंपर्क शुरू कर दिया था। दरअसल रतलाम मंडल में दोनों ट्रेड यूनियन के अलावा पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के जोनल संगठन मंत्री शिवलहरी शर्मा को ट्रैकमैन वोटर्स की जबरदस्त आस है। अब ट्रैक मेंटेनर यूनियन फिलहाल मैदान से बाहर होने से इन संगठनों के सिर से तनाव की लकीरें कम हुई है।


इधर मामले में ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन में रतलाम के मंडल मंत्री राजेश यादव का कहना है कि कोर्ट द्वारा उनसे 7 दिनों में पक्ष रखने को कहा है। चुनाव पहले हमें दोबारा मंजूरी दी जा सकती है।

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