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मिसाल ए देहदान : बेटी ने दिया मां को कांधा, नेत्रदान के बाद मेडिकल कॉलेज ले गए अर्थी

-पूर्व प्राचार्य की इकलौती बेटी ने मां की अंतिम इच्छा के मुताबिक कराई देहदान की प्रकिया

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। मां की अंतिम इच्छा के मुताबिक एक इकलौता बेटी ने नेत्रदान सहित देहदान की प्रकिया पूरी कर समाज के लिए एक मिसाल पेश की है। इतना ही नहीं नम आंखों से मां की अर्थी को कांधा देकर बेटी होने का फर्ज पूरा किया। बाद में शवयात्रा को मेडिकल कॉलेज की ओर रवाना किया गया।

फ़ोटो- पूर्व प्राचार्य श्रीमती शीला त्रिवेदी

यह सामाजिक कर्तव्य व पुण्य लाभ का काम पूर्व प्राचार्य शीला त्रिवेदी के निधन के बाद बेटी शिक्षक अर्पिता त्रिवेदी ने किया।
आलीराजपुर जिले के जोबट कन्या उमावि में प्राचार्य रही श्रीमती शीला त्रिवेदी पति के निधन के बाद पिछले कुछ सालों से रतलाम जिले के सकरावदा स्कूल में कार्यरत इकलौता बेटी अर्पिता के पास रतलाम में स्थित मंगलमूर्ति कॉलोनी निवास पर रहने लगी थी। बीमारी के चलते उनका शनिवार को सुबह निधन हो गया।
मां ने पूर्व में ही बेटी के समक्ष देहदान करने का संकल्प लेकर मेडिकल कॉलेज की दस्तावेजी प्रकिया पूरी कर ली थी। सुबह मां के निधन के बाद बेटी ने नेत्रदान कराए। वहीं रिस्तेदारों ने मेडिकल कॉलेज देहदान संबंधी कॉलेज प्रशासन को सूचना दी।

आंख में आंसू मगर मजबूती से संभाला कांधा

 

इधर, मां के बिछड़ने व अर्थी को देखकर बेटी अर्पिता का रो-रोकर हाल बेहाल था। इसे रिश्तेदार व परिचित बमुश्किल संभाले हुए थे। बाद में अर्थी मेडिकल कॉलेज ले जाते वक्त घर से निकली शवयात्रा में इकलौती बेटी ने बेटे जैसा फर्ज अदा कर अपनी मां को कांधा दिया। मां के बिछड़ने के गम में आंख में अश्रुधारा बह रही थी। लेकिन बेटी कांधा देकर अर्थी को सम्हाले आगे बढ़ती रही। यह नजारा देखकर शवयात्रा में आए लोगों की आँखे भी नम हो उठी। मंगलमूर्ति से शवयात्रा को कुछ दूरी बाद शव वाहन द्वारा सीधे मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।

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