-बीमार पिता के स्थान पर महीनों से ड्यूटी कर रहा बेटा, मंडी सचिव की बेख़ौफ़ छूट।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। शासकीय नियमों के मुताबिक कोई कर्मचारी अपनी नौकरी का काम किसी दूसरे व्यक्ति या रिश्तेदार से नही करवा सकता है। लगता है रतलाम कृषि उपज मंडी प्रशासन को इन नियमों की कतई वास्ता नहीं है। मंडी में महीनों से पिता के स्थान पर बेटा ड्यूटी कर नीलामी रसीद फ़ाड़ रहा है। इतना ही नहीं छुट्टी पर रहने यानी मंडी में नियमित उपस्थिति नहीं होने के बावजूद पिता एक ही बार मे हाजरी रजिस्टर में हस्ताक्षर कर पूरे माह की पगार उठा लेता है। बड़ी बात है कि यह मामला मंडी सचिव तक के संज्ञान में है। इसके बाद भी बेख़ौफ़ छूट दे दी गई है।
दरअसल यह मामला मंडी कर्मचारी टेकचंद लश्करी से जुड़ा है। पिछले छह-आठ माह से तबीयत खराब होने का हवाला देकर कर्मचारी द्वारा मंडी में उपस्थित होना बंद कर दिया। इनके स्थान पर बेटा मोहित डयूटी उपस्थित हो रहा है। यह बकायदा रोज नीलामी रसीद फाड़ रहा है।
हाजरी रजिस्टर में हस्ताक्षर का कालम खाली
अनुपस्थिति के बावजूद साठगांठ ऐसी कि कर्मचारी द्वारा 15 से 20 दिन में आकर हाजरी रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दिए जाते। जब तक बकायदा रजिस्टर में हस्ताक्षर का कालम खाली रखा जाता है। इसे लेकर मंडी प्रशासन का कोई एतराज भी नही है। बल्कि किसी भी दिन खाली कालम में अपसेन्ट नहीं लगाई जाती है। इस मिलीभगत को लेकर अन्य कर्मचारियों ने नियमों के विपरीत मानते हुए आपत्ति ली है।
कर्मचारियों का कहना है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी की तबीयत खराब होने पर वह नियमो से मेडिकल अवकाश ले सकता है। अन्य नियमों के तहत वह अपने खाते की छुट्टी का भी उपयोग कर सकता है। लेकिन मंडी कर्मचारी ने इस कुछ न करते हुए सीधे सुपुत्र को काम पर लगा दिया।
मामले में मंडी सचिव एमएस मुनिया का कहना है कि कर्मचारी टेकचंद लश्करी कुछ माह से बीमार है। बीच बीच मे आकर वह साइन करता है। उनका लड़का मंडी में आकर केवल नीलामी पर्ची फाड़ता है।