-दिव्यांगो की संस्था पी डब्ल्यू डी संघ की प्रदेश इकाई का गठन पर आवाज़ बुलंद की।
-दिव्यांग कर्मचारियों को 2016 एक्ट की सुविधा की जानकारी मिलेगी।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। दिव्यांगों को पीडब्ल्यूडी एक्ट 2016
की जानकारी के लिए कार्यशाला की मांग की गई। लेकिन इसके बदले सीपीओ एवं महाप्रबंधक से अब तक कोरा आश्वासन मिला। कार्यशाला की मांग पूरी नही की तो दिव्यांगजन आंदोलन को मजबूर होंगे। यह बात पीडब्ल्यूडी संघ की प्रदेश कार्यकारणी के गठन के वक्त नए पदाधिकारियो ने उठाई।
यह आयोजन वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन कार्यालय में किया गया। इसमें संघ के सलाहकार पद पर अशोक जैन चौटाला को नियुक्त किया गया। कार्यकारणी में सभी दिव्यांगजनों को शामिल किया गया। सर्वानुमति से रेलवे मंडल कार्यालय के रिटायर्ड मुख्य कार्यालय अधीक्षक गिरीश चंद्र शर्मा को अध्यक्ष बनाया गया।
8 सालों से मांग पर ध्यान नहीं
अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी (परसन विथ डिसएबिलिटी) एक्ट 2016 द्वारा लागू सुविधाएं कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है। इसके लिए रेल प्रशासन से लगातार 8 वर्षों से मांग की जा रही है कि रतलाम मंडल के कर्मचारियों के लिए एक कार्यशाला लगाई जाए। पश्चिम रेलवे सी.पी.ओ. एवं महाप्रबंधक से मांग पर केवल आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। जबकि नार्थन रेलवे में यह कार्यशाला अनेक बार आयोजित की जा चुकी है। कार्यशाला की मांग नहीं मानी गई तो दिव्यांगों द्वारा आंदोलन भी किया जाएगा।
प्रदेश सलाहकार चौटाला ने कहा कि दिव्यांगों को प्रदेश व केन्द्र सरकार की दी जाने वाली सुविधाओँ व योजनाओं का लाभ दिलाने तथा समस्याओं का समाधान करने का हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा। आभार प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र रायक ने किया।
कार्यकारिणी में ये शामिल
-प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र रायक,
-सचिव ओम प्रकाश धाकड़,
-संयुक्त सचिव गोविंद रामावत,
-सूचना जनसंपर्क कोषांग प्रभारी रोहित वर्मा,
-प्रदेश आरटीआई कोषांग प्रभारी इमरान भाई,
-प्रदेश महिला प्रकोष्ठ प्रमुख दीपिका,
-प्रदेश दिव्यांग खेलकूद प्रकोष्ठ अमिता अय्यर,
-प्रदेश दिव्यांग रोजगार नियोजन व निगरानी प्रभारी तुषार हांडा,
-प्रदेश डी.पी.ओ.सदस्य रीना वर्मा,
-प्रदेश पी.आर.ओ. मुकेश तिवारी,
-प्रदेश कार्यक्रम प्रबंधक जसवंत सिंह राठौड़ को बनाया गया।
बैठक में ये प्रस्ताव पारित किए गए
-दिव्यांग कर्मचारियों को रेलवे द्वारा जारी कंसेशन सर्टिफिकेट ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाए।
-प्रदेश के मुख्यमंत्री से बेरोजगार दिव्यांगों की पेंशन 600 से बढ़ाकर 1500 रुपए करने की मांग की जाएं।
-वरिष्ठ नागरिकों की दिव्यांगों को भी प्रदेश सरकार तीर्थ यात्रा कराने या किसी पर्यटन स्थल पर घुमाने का निर्णय लें।
-दिव्यांग कर्मचारी एनपीएस के तहत आते हैं उनको ओल्ड पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए।
-रिटायरमेंट के बाद दिव्यांगों के पास आय का कोई साधन नहीं होने से अपना जीवन यापन अच्छी तरह से कर सके।