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-एक माह से आकाश की सेवा में जुटा है जीआरपी जवान चेतन।
-देहरादून एक्सप्रेस से गिरे बालक की स्थिति में होने लगा सुधार।
-परिजनों की जानकारी नहीं होने से बढ़ने लगी परेशानी।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। चलती ट्रेन से गिरने पर एक हाथ व एक पैर गवां चुके 7 वर्षीय आकाश की सेवा में जुटे जीआरपी जवान चेतन नरवाले की मेहनत अब रंग लाने लगी है। इंदौर एमवाय अस्पताल में आकाश अपने दर्द को भूलकर खिलखिलाने लगा है। चेतन ने बालक की जानकारी वाट्सएप ग्रुपों में सांझा की तो कुछ समाजसेवा से जुड़े लोग इसकी सहायता के लिए आगे आए। हालांकि अभी भी बालक यह बताने में असमर्थ है कि वह कहां का निवासी है।
मालूम हो कि ट्रेन नंबर 19019 देहरादून एक्सप्रेस में सवार यह बालक रतलाम डाट पुल एरिया में गिर गया था। हादसे में इसका एक हाथ और एक पैर कट गया था। सूचना मिलने पर जीआरपी रतलाम ने इसे पहले रतलाम में ही सीएचएल जैन दिवाकर अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से इंदौर एमवाय अस्पताल में रैफर कर दिया। एक माह 10 दिन से बालक का उपचार चल रहा है।
कभी थांदला तो कभी पेटलावद की दे रहा जानकारी
इसकी सेवा में जुटे जवान चेतन बताते है कि इंदौर भर्ती होने के बाद से आकाश अपने दर्द से कराहता दिनरात रोता था। रोते बिलखते वह अपने माता-पिता को याद भी करता रहा। लेकिन उनसे संपर्क नही होने से अभी तक इसके निवास की भी पुख्ता जानकारी नहीं मिली। कभी यह थांदला तो कभी पेटलावद का होने की जानकारी देता है। इसे लेकर भी आशंका है कि अभी तक परिजनों ने अपने क्षेत्र के किसी थाने में बालक की गुमशुदगी दर्ज नही कराई।
रोज मिलने आ रहे लोग
बालक से मिलने अस्पताल में रोज सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के लोग आ रहे है। लोगों ने अपने स्तर से इसकी सहायता की है। बोहरा समाज के अब्बास अली अमझेरावाला रोज बालक के लिए खाना लेकर आते है।
ठीक होने पर निकलेंगे घर खोजने
डॉक्टरों द्वारा बालक की एक और सर्जरी की जाएगी। इसके लिए अभी और इसे अस्पताल में रखा जाएगा। कृतिम अंग भी लगाए जाएंगे। ठीक होने पर पुलिस इसे रतलाम लाकर उसके बताए क्षेत्र में ले जाएगी। इससे कि यह अपने एरिया व गांव की पहचान कर सकुशल घर पहुंच सके।