पुलिस क्रूरता के खिलाफ जनाक्रोश….हिन्दू समाज ने निकाली विशाल रैली, एसपी सहित सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग
-मृतक प्रकाश के परिजन कलेक्टर व मीडिया के समक्ष खुलकर बोले- कहा मकान तोड़ने की धमकी से नहीं कराया पोस्टमार्टम।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। गणेश चतुर्थी पर उपजे तनाव में हिन्दू समाज के लोगों पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण की गई कार्रवाई के विरोध में बुधवार दोपहर में विशाल आक्रोश रैली निकाली गई। इसमें हजारों की संख्या में शामिल हुए संत समाज, महिला व पुरुषों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आक्रोश रैली में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, संत समाज समेत बड़ी संख्या में सभी वर्ग के लोग शामिल हुए। मौन रैली के रूप में सभी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में एसपी, एएसपी सहित सात पुलिस अधिकारियों व एक पटवारी की नामजद शिकायत की। इनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
हिन्दू जागरण मंच के बैनरतले दोपहर तीन बजे से लोग कालिका माता मंदिर परिसर में जमा होना शुरू हो गए थे। आक्रोशित युवाओं के हाथ में पुलिस की बर्बरता के स्लोगन लिखी तख्तिया थी। वहीं कुछ लोगों के हाथों में पुलिस मारपीट में मृत युवक प्रकाश मईडा के फोटो वाली तख्तिया भी थी। कलेक्टर कार्यालय पंहुचने के बाद आक्रोशित लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रैली में करीब 10 से 12 हजार लोगों के शामिल होने का अनुमान है। इससे रैली जब कलेक्टर कार्यालय पहुंची तो वहां पूरा परिसर खचाखच भर गया था। कलेक्टर राजेश बाथम अन्य अधिकारियों के साथ ज्ञापन लेने बाहर आए। हिन्दू जागरण मंच के कमलेश ग्वालियरी, राजेश कटारिया व अन्य नेताओं ने कलेक्टर राजेश बाथम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।
अलग-अलग टोलियों में कालिका माता मंदिर परिसर पहुंचे
आक्रोश रैली के तय समय के मुताबिक दोपर 3 बजे अलग-अलग टोलियों में लोग कालिका माता मंदिर परिसर पहुंचते गए। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, महामंत्री निर्मल कटारिया, पूर्व महापौर शैलेन्द्र डागा, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, आरएसएस के वीरेन्द्र वाफगांवकर, समाजसेवी गोविन्द काकानी, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष विप्लव जैन, अधिवक्ता परिषद के एडवोकेट सतीश त्रिपाठी, भाजपा नेता अशोक जैन लाला, मनोहर पोरवाल, प्रवीण सोनी सहित अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधि समाजों के प्रतिनिधि और विभिन्न वर्गों के लोग शामिल थे। सबसे आगे संत समाज, महिलाएं तथा बाद में बड़ी संख्या में लोग कतारबद्ध होकर कलेक्टोरेट की ओर लिए चल दिए। इस बीच सड़क लोगों से खचाखच भरी दिखाई दी।
इसके बाद कलेक्टर बाथम को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में एसएसपी राहूल लोढा, एएसपी राकेश खाखा, स्टेशन रोड टीआई दिनेश भोजक, सायबर सेल के एसआई अमित शर्मा, प्रधान आरक्षक अजय शर्मा, महेन्द्र पथरोड, आरक्षक मनीष यादव और शहर पटवारी तेजवीर चौधरी के नाम उल्लेखित किए गए है। ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त सभी लोग और इनके अधीनस्थ कई अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों ने मारपीट की। यहां तक कि महिलाओं के साथ भी अभद्रता की गई।
दिखाए मारपीट के वीडियो फुटेज और दस्तावेज
आक्रोश रैली लेकर आए हिन्दू नेताओं ने कलेक्टर बाथम को पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई मारपीट के सबूत के रूप में विडीयो फुटेज और दस्तावेज भी दिखाकर उन्हें सौंपे। कहा गया कि तमाम दोषी अधिकारियों के चेहरे विडीयो फुटेज में साफ दिखाई दे रहे हैं।
इधर, ज्ञापन देने के बाद मृतक प्रकाश मईडा के परिजनों ने कलेक्टर बाथम से उनके चैम्बर में मुलाकात की। उन्होंने पुलिस की पिटाई से प्रकाश की मौत के आरोप लगाए। परिजनों ने कलेक्टर को पुलिस द्वारा की गई बर्बरता की कहानी सुनाई। पुलिस की मारपीट में बुरी तरह घायल लखन रजवानिया और काजल किन्नर ने भी कलेक्टर को उनके कक्ष में पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
कैमरें के सामने खुलकर बोले मृतक के परिजन
रैली में शामिल मृतक प्रकाश मईडा की बहन तथा भाई अमर ने कैमरें के सामने मीडीयाकर्मियों को खुलकर घटना की जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि प्रकाश की मौत के बाद सादे कपड़ों में दो पुलिसकर्मी घर आए। उन्होंने पोस्टमार्टम नहीं करने के लिए धमकाया। इतना ही नहीं बोलने पर पुलिसकर्मियों ने घर तोड़ने की धमकी दी। मजदूरी कर घर बनाया था, इसलिए वे उस समय डर गए। इसी वजह से भाई का पोस्टमार्टम नहीं करवाया।
भाई ने बताया कि उसने भी पुलिस की मारपीट के दौरान भागकर जान बचाई। पिटाई से प्रकाश के शरीर के निचले हिस्से ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। बाद में उसकी हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। भाई की मौत के बाद पुलिसकर्मी हमे धमकाते रहे। घर तोड़ने के डर से मृत प्रकाश का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया था।