Logo
ब्रेकिंग
ये यात्री सुविधा के इंतजाम या खूद का लाभ….हम निवाला बनाकर डकार रहे रेलवे फंड। ट्रेन वर्किंग विवाद....देश के हालात को देखते आंदोलन आज शाम स्थगित, लेकिन समझौता नहीं, संघर्ष जारी रह... ब्रेकिंग, अभी-अभी....अशफाक की जगह अक्षय होंगे रतलाम मंडल के नए एडीआरएम, तबादला आदेश जारी विरोध में उठी आवाज़....पेंशन अदालत रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए, सूचनाएं कर्मचारी संगठनों को दे रहे, क... सिविल डिफेंस का मॉक ड्रिल... 100 से अधिक वालंटियर ने घायलों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया भारत-पाक के बीच कोल्ड वॉर....रतलाम में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल, टेकरा कॉलोनी में बजेगा सायरन वर्किंग विवाद को सुलझाने में मुख्यालय नाकाम, नाराज रेल कर्मचारी विफ़रे, भूख हड़ताल शुरू की यासीन खान को भेजा जेल...चोरी के मामले में स्थाई वारंटी था, शास्त्री नगर में छुपे होने की सूचना मिली,... ये है जमाई, सीएमआई.... रेलवे बोर्ड की पॉलिसी का असर नहीं, टेबल-कुर्सी एक ही है, बैठे-बैठे ही कर रहे ... रेलवे डीजल शेड का रंगारंग 58वां स्थापना दिवस...अधिकारियों ने गीत गाए, बच्चें ट्रॉय ट्रेन में, अन्य म...

पहले की तरह ही मिलेगा रेलवे कर्मचारियों को नाइट ड्यूटी का भुगतान

-वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ की मांग सीनियर डीएफएम ने दी सहमति

न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। रात्रि में ड्यूटी करने वाले रेलवे कर्मचारियों को नाइट ड्यूटी अलाउंस का लाभ पूर्व की भांति मिल सकेगा। वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ की इस मांग पर लेखा विभाग की प्रमुख सीनियर डीएफएम ने सहमति दी है।
मंडल मंत्री अभिलाष नागर व अध्यक्ष रफीक मंसूरी ने इसकी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि फिक्स रोस्टर में कार्य करने वाले यातायात विभाग, वाणिज्य विभाग व सीएन्डब्ल्यू के कर्मचारियों को पूर्व क़ी तरह फिक्स नाइट ड्यूटी भत्ते का भुगतान करने के मुद्दें पर सीनियर डीएफएम मानसी सिंह से गहन चर्चा की। इसके बाद अधिकारी द्वारा पूर्व क़ी तरह फिक्स रोस्टर में फिक्स नाइट ड्यूटी का भुगतान करने क़ी सहर्ष सहमति प्रदान क़ी गई है।

पूर्व की भांति इस तरह मिलेगा लाभ
विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को रेलवे बोर्ड के नियमों के मुताबिक फिक्स रोस्टर के मान से नाइट ड्यूटी अलाउंस दिया जाता है। यानी 15 दिन की नाइट ड्यूटी में यदि एक दिन भी ड्यूटी की। तब भी कर्मचारी को 15 दिन का अलाउंस का भुगतान दिया जाता है। इसके विपरित वर्तमान में प्रशासन द्वारा कर्मचारियों को रोस्टर के मान से स्थानीय नियम पर अमल किया जा रहा था। इसमें कर्मचारियों की जितनी नाइट ड्यूटी रहेगी केवल उसका ही भुगतान किया जाना लागू किया गया। इसके विरोध में मजदूर संघ ने आवाज उठाई है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.