-मामला रेलवे खानपान केंटीन ठेके का
-टेंडर प्रक्रिया में सांठगांठ उजागर
-आपत्ति के बाद रेलवे ने रोकी प्रकिया
रतलाम, न्यूज़ जंक्शन-18
दो बत्ती एरिया स्थित डीआरएम ऑफिस परिसर में ‘दोस्ती’ नाम से संचालित खानपान केंटीन की टेंडर प्रकिया खटाई में पड़ गई है। साठगांठ की भनक के बाद रेल कर्मचारी संगठन पदाधिकारी ने ही आपत्ति ले ली। ऐसे में ठेका लेने वाले मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन के एक पदाधिकारी व युवा नेता के अरमानों पर पानी फिर गया।
मालूम हो कि डीआरएम ऑफिस परिसर में कर्मचारियों के लिए खानपान केंटीन संचालित है। सालों से इसका संचालन रेल प्रशासन किफायती दाम पर करता आया।
रेलवे ने अब इसका निजीकरण करने का मन बनाया। इसके बाद इसकी टेंडर प्रकिया शुरू की गई।
नियमो की घोर अनदेखी
टेंडर प्रकिया कार्मिक विभाग द्वारा पिछले दिनों शुरू की गई। इसमें नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। हालांकि लीपापोती पूरी होती, इससे पहले ही ओबीसी एसोसिएशन ने आपत्ति ले ली। मंडल मंत्री अजय सिंह ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई कि जिस फर्म को ठेका दिया जा रहा था। वह कंपनी कागजों पर अहमदाबाद (गुजरात) की दर्शाई गई। जबकि उसका एड्रेस रतलाम का दर्ज कर दिया गया। इतना ही नही विभाग ने इसके लिए प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचना प्रकाशित नही की। विभागीय तौर पर अधिसूचना भी जारी की गई। इन आपत्तियों के बाद टेंडर प्रकिया को फिलहाल रोक दिया गया। सूत्रो के मुताबिक यह ठेका ट्रेड यूनियन के युवा नेता अप्रत्यक्ष रूप से अपने नाम करवाते हुए मलाई खाना चाह रहे थे। लेकिन युवा नेता के अरमानों पर पानी फिर गया।
केंटीन के हाल हुए बद से बदतर
रेलवे केंटीन संचालित करने में तत्कालीन डीआरएम विनीत गुप्ता ने रूचि नही दिखाई। वही वर्तमान डीआरएम रजनीश कुमार ने कर्मचारियों की खानपान सुविधा से वास्ता नही रखा। हालात यह है कि किफायती दाम पर कभी मिलने वाले भोजन, नाश्ता व लस्सी सबकुछ बंद कर दिया गया। यह केंटीन केवल चाय कॉफी तक सिमट गया। मामले में ओबीसी एसोसिएशन के मंड़ल मंत्री अजय सिंह का कहना है कि रेलवे स्वयं केंटीन संचालित करें। यदि ठेका देना हैं तो टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर नियमो पर अमल किया जाए।