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लेखक एवं एक्‍ट्रेस नताशा अय्यर की मौजूदगी में मनाया विश्‍व फोटोग्रॉफी दिवस…नताशा बोली-कला का पारखी ही बन सकता है अच्‍छा फोटोग्राफर

-ऑल इंडिया फोटोग्रॉफी फाउंडेशन नई दिल्‍ली द्वारा दो बत्‍ती पर आयोजन किया गया।

 न्‍यूज जंक्‍शन-18

रतलाम। फोटोग्रॉफी एक हूनर है, यह हर किसी में नहीं पाई पाई जाती है। कला का पारखी ही अच्‍छा फोटोग्रॉफर बन सकता है। यह बात फिल्‍म कहानी लेखक एवं ऐक्‍ट्रेस नताशा अय्यर ने कही। वे विश्‍व फोटोग्रॉफी दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया फोटोग्राफर फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा दो बत्ती क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। संबोधित करते हुए नताशा अय्यर ने कहा कि कला का पारखी फोटोग्राफर ही फोटोग्राफी में बेहतर परिणाम दे सकता है। क्‍योंकि अच्छे फोटोग्राफर की तस्वीर खूद ब खूद अपनी कहानी बयां कर देती है।

जिला अध्यक्ष राकेश पोरवाल ने विश्‍व फोटोग्रॉफी दिवस पर जानकारी देते हुए कहा कि आज का दिन कला और विज्ञान के महत्व को मान्यता देने के लिए समर्पित है। वर्ष 1839 में इसी दिन फ्रांस में फोटोग्राफी के सार्वजनिक रूप से उद्घाटन की घोषणा की गई थी। तब से इस दिन को मनाने के लिए विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सन 1820 में करीब जोसेफ नाइसफोर और लुईस डागेर ने मिलकर फोटोग्राफिक प्रक्रिया डोगोंरोटाइप का आविष्कार किया था। इसकी मदद से ही पहली तस्वीर वर्ष 1839 में कैप्चर की गई थी। तब से 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। तस्वीरों के इसी महत्व को उजागर करने के लिए हम फोटोग्रॉफी दिवस मनाते हैं। इस दौरान फोटोग्राफर साथियों ने केक काटा व खुशियां मनाई। एक दूसरे का मुंह मीठा करवाया। इस अवसर पर नयन व्यास ,राजेश यादव, शिव शंकर बोरासी, संदीप पवार, धर्मेंद्र मिश्रा सहित फोटोग्रॉफर मौजूद थे।

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