अस्पष्ट काॅशन ऑर्डर में उलझी रफ्तार…. संभवतः इसलिए अंडरब्रिज पर 20 के बजाय 100 की रफ्तार से दौड़ा दी मालगाड़ी
-चौमहला की घटना के बाद निलंबित ड्राइवर-गार्ड की रतलाम में जांच शुरू।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। कोटा-नागदा रेलखंड स्थित चौमहला स्टेशन के पास बुधवार को निर्माणाधीन अंडर ब्रिज पर 20 के बजाय 100 किमी की रफ़्तार से मालगाड़ी चलाने के मामले में रतलाम मंडल में जांच शुरू की गई है। बताया जा रहा है अंडरब्रिज पर गाड़ी निकलने में सतर्कता आदेश (काॅशन ऑर्डर ) की उलझन रही। ड्राइवर इसे ठीक से समझ नहीं सका और गाड़ी धनधनाती निकल गई। हालांकि बड़ी दुर्घटना सामने नहीं आई। लेकिन इसे गम्भीर मानते हुए रेलवे द्वारा ड्राइवर अश्विन एलेक्जेंडर, असिस्टेंट ड्राइवर व गार्ड को निलंबित कर दिया था।
बता दें कि बुधवार को रतलाम की तरफ से जा रही एक कंटेनर मालगाड़ी सतर्कता आदेश की अनदेखी करते हुए निर्माणाधीन अंडर ब्रिज से 20 की जगह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकल गई थी। गलती की भनक लगते ही चालक ने मालगाड़ी को रोक लिया। तब तक मालगाड़ी अंडर ब्रिज को पार कर आगे तक निकल आई थी।
सूचना मिलते ही कोटा मंडल अधिकारियों में हड़कंप मचा तथा मालगाड़ी को शामगढ़ तक लाने के आदेश दिए गए। शामगढ़ में दोनों चालकों को ड्यूटी से उतार लिया गया। इसके बाद दूसरे चालक दल को मालगाड़ी में बुक कर कोटा की तरफ रवाना किया गया। इसके बाद कोटा से गए अधिकारियों द्वारा शामगढ़ में चालकों के बयान दर्ज किए। अधिकारियों ने चौमहला पहुंचकर अंडर ब्रिज का जायजा भी लिया। इस दौरान दोनों चालकों को कोटा भेज दिया गया। यहां पर भी अधिकारियों ने मामले को लेकर चालकों से पूछताछ की।
26 जनवरी से शुरू हुई जांच
गाड़ी में दोनों ड्राइवर रतलाम के है। इसलिए कोटा मंडल में पूछताछ के बाद 26 जनवरी से रतलाम मंडल कार्यालय में इसकी जांच शुरू की गई। निलंबित किए दोनों चालकों और गार्ड से मामले में पूछताछ की जा रही है। गार्ड का कहना है कि उसने प्रेशर ड्रॉप कर और चालकों को सचेत कर मालगाड़ी रुकवाई। रफ्तार अधिक होने से मालगाड़ी अंडरब्रिज को पार कर गई। वहीं ड्राइवर पक्ष का कहना है कि मेन लाइन व यार्ड को लेकर कॉशन ऑर्डर में स्पष्टता नहीं थी। इसे समझने में उलझन रही।
ब्रिज को नुकसान, ब्लॉक लेकर किया मेंटेनेंस
दरअसल नए अंडरब्रिज पर गाड़ियां निकालने की स्पीड पहले कम रहती है। इसलिए यहां 20 किमी प्रतिघंटा से गाड़ियां निकालने की अनुमति दी गई थी। कुछ समय बाद धीरे धीरे इसे बढ़ाने की मंजूरी दी जाती है। 100 किमी रफ्तार से गाड़ी निकलने से अंडरब्रिज की गार्डर और पटरियां अपनी जगह से हिल गई थीं। बाद में करीब 3 घंटे का ब्लॉक लेकर यहां मरम्मत कार्य किया गया।