-रेलवे के कई विभागों में लंबे समय से नहीं किए गए क्लर्क के तबादले।
-4 साल की अवधि बाद पिरियोडिकल तबादलें किए जाने के नियम।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक मंडल कार्यालयों में किसी भी कर्मचारी की एक सीट पर 4 साल की अवधि पूरी होने के बाद समान पद पर पिरियोडिकल (आवधिक) तबादलें किए जाने के नियम है। नियम यह भी है कि संवेदनशील पदों पर हर हाल आवधिक तबादलें किए जाए।
लेकिन मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के कई विभागों के सेक्शनों में सालों से पिरियोडिकली तबादलें नहीं किए गए। इसका लाभ टेबलों पर लंबे समय से जमे उन क्लर्क को मिला। जिन्होंने उस तय काम को अवैध कमाई का जरिया बना लिया। यहीं वजह है कि सेटलमेंट सेक्शन में लंबे समय से ओएस पद पर जमे सीपी पांडे तथा शिवलाल मीणा ने उसी टेबल को कमाई का खासा जरिया बना लिया था। हालांकि मामला उजागर होने तथा अनियमितता सामने आने पर कार्मिक विभाग प्रमुख द्वारा सख्ती दिखाई गई।
कई विभागों में एक ही टेबल पर जमे
डीआरएम ऑफिस, रेलवे स्टेशन सहित अन्य विभागों में कर्मचारी, प्रभारी तथा क्लर्क लंबे समय से जमे हुए है। डीआरएम ऑफिस में कार्मिक विभाग के अलग-अलग सेक्शनों के अलावा लेखा विभाग, वाणिज्य विभाग, मेकेनिकल विभाग, इलेक्ट्रिक पॉवर, टीआरडी विभाग में कर्मचारी पिरियोडिकल तबादलों से वंचित है। एक ही टेबल पर जमे होने से इन कर्मचारियों की मनमानी व अनियमितता चरम पर पहुंच चुकी है। कार्मिक विभाग में घूसखोरी पकड़े जाने के बाद अब टेबलों पर नियुक्त कर्मचारियों को लेकर सूचिवार विभागीय पड़ताल व छानबीन शुरू की है।
एडीआरएम ने मीणा से की पूछताछ
इधर, विजिलेंस कार्रवाई के बाद ओएस सीपी पांडे को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि शिवलाल मीणा का पास सेल में तबादला कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक मीणा को बुधवार शाम को एडीआरएम अशफाक अहमद ने तलब किया था। इससे विजिलेंस प्रकरण सहित मृत रेलकर्मी के बेटे आरस की शिकायत को लेकर पूछताछ की गई। मामले में विजिलेंस की रिपोर्टिंग के बाद जल्दी ही जांच कार्रवाई शुरू होगी।