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मां जैसा लुटाया प्यार, निकली अंतिम यात्रा

-बैंड बाजे के साथ निकाली गौमाता की अंतिम यात्रा, शामिल हुए गोभक्त

रतलाम, न्यूज़ जंक्शन-18

आपने यदाकदा नंदी की शवयात्रा देखी होगी। मगर गौमाता की अंतिम यात्रा व संस्कार का सम्भवतः पहला मामला देखा गया। रतलाम जिला मुख्यालय के रावटी कस्बे में गौमाता के निधन के बाद कुछ ऐसा ही नजर दिखाई दिया। परिजनों व धर्मालुओं ने गौमाता के निधन पर बैंड बाजो के साथ शवयात्रा निकली।

रावटी में चका सेठ के नाम से मशहूर व्यक्ति श्रेणिक चत्तर की गाय करीब डेढ़ साल से बीमार थी। जिसके इलाज के लिए पूरा परिवार जुटा था। घर के लोग एक परिजन की तरह ही गाय की देखभाल करते थे।
बीमारी के बाद जब शनिवार को निधन हुआ तो पूरा परिवार में गम में डूब गया। कुछ ही देर में इसकी सूचना सोशल मीडिया पर फैली तो लोग चत्तर परिवार से संपर्क कर उनके घर जमा होने लगे। बाद में बकायदा संस्कारिक तौर पर गौमाता को स्नान करवाकर ट्रेक्टर-ट्राली में बैंड-बाजों के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में लोगो ने पुष्पांजलि देकर बिदाई दी। गांव के तेजाजी मंदिर परिसर में समाधि दी गई।

ग़मगीन था परिवार
गौमाता की अंतिम विदाई में शामिल होने के लिए पूरा चत्तर परिवार ग़मगीन रहा। परिवार के चका सेठ, पत्नी उषा चतर, आशीष चतर, अंजलि चत्तर, पंकज चत्तर, कृतिका चत्तर, पौत्र वर्धमान, आशीष, महावीर , पंकज के अलावा पुत्री चेतना सुशील मांडोत, बिंदु रितेश लोढ़ा ने विदाई दी। इस मौके पर हिन्दू संगठन सहित गौ भक्त शामिल हुए।

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