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मंगल का ऐसा अवसान, दिलों में रहेंगे मंगल… जिंदादिली से जीने की सीख दे गए शिक्षक मंगलसिंह

-सीएम राइज बालक उत्कृष्ट विद्यालय सैलाना में कार्यरत राठौर का निधन।
-दो दिन वेंटिलेटर पर उपचार की जद्दोजहद के बाद हारे, ली लंबी सांस।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। जीवन केवल जीने के लिए नहीं, बल्कि फ़िकरो को पीछे छोड़ जिंदादिली से जीने का नाम है। ऐसी ही जिंदगी जीकर अपनों को अलविदा कर शून्य में समा गए शिक्षक मंगल सिंह राठौर।
सीएम राइज बालक उत्कृष्ट विद्यालय सैलाना में कार्यरत रहे मंगल सिंह राठौर का मंगलवार को निधन हो गया। बीमारी के बाद पिछले दो दिन से इंदौर में वेंटिलेटर सपोर्ट पर जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे। पूरे विद्यालय परिवार सहित नन्हें बच्चों ने खूब दुआएं की। आखिर हार ही नसीब हुई। निधन की ख़बर सुनते ही सभी हतप्रभ व अवाक रह गए।
मूलतः पिपलौदा निवासी मंगल सिंह राठौर को दो दिन पहले रविवार को सीने में दर्द हुआ। इन्हें प्रारंभिक उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। लेकिन वहां से इंदौर रैफर किया तो परिजन इंदौर अपोलो हॉस्पिटल ले गए। वहां हालत नाजुक देख डॉक्टर्स ने वेंटिलेटर सपोर्ट पर उपचार शुरू किया। आखिर मंगलवार शाम को उन्होंने आखरी सांस ले ली। इनकी बेटी ईशिता इंडिगो एयरलाइंस में इंजीनियर है। जबकि बेटा मृदुलसिंह निजी कंपनी में कार्यरत है।

होली व पंचमी पर खूब हंसे व हंसाया:- स्वभावतः खुशमिजाज व शारिरिक रूप से हस्ठपुष्ठ मंगल सिंह हमेशा जिंदादिली से जीने की बातें अपने सहपाठियों से करते थे। हालांकि इन्हें माइनर हार्ट की समस्या थी। इसके दीगर वे अपने विनोदी व्यवहार से सभी को खुश रखते थे। रंग पंचमी पर उन्होंने विद्यालय परिसर में शिक्षक साथियों के बीच खूब ठहाके लगवाए।

बुधवार को सुबह 11 बजे अंतिम संस्कार:- मंगलसिंह का बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। शवयात्रा निज निवास निरालानगर से निकलकर जवाहर नगर मुक्तिधाम जाएगी। जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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