10 लाख का पहला बीमा क्लेम….रेलवे-यूनियन बैंक के बीच एमओयू, दिवंगत महिला रेलवे कर्मचारी के परिजन को मिला लाभ
-डीआरएम ऑफिस में कार्यरत कार्यालय अधीक्षक मीना जाजम की मृत्यु के बाद बेटी के खाते में आई राशि।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे कर्मचारियों के वेतन आहरण की यूनियन बैंक के साथ समझौते का रंग आने लगा है। रेलवे का यूनियन बैंक के साथ एमओयू साइन हुआ। बैंक द्वारा बीमा लाभ देने के करार के चलते रतलाम मंडल में दिवंगत महिला कर्मचारी को इसका लाभ मिला है। समझौते के फलस्वरूप कर्मचारी की मृत्यु के बाद 10 लाख रुपए इसी सप्ताह उनकी बेटी के बैंक खाते में आ गए है। रतलाम मंडल में यह पहला मामला है। इस प्रयास में रेलवे अफसरों की सराहनीय पहल दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है।
बता दें कि पूर्व में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से रेलवे कर्मचारियों के खाते में सैलरी आती रही। लेकिन यूनियन बैंक ने बीमा स्किम के तहत रेलवे को कर्मचारियों को का लाभ देने की सुविधा के चलते कुछ अकाउंट में सैलेरी का आहरण शुरू किया।
फ़ोटो-दिवंगत मीना जाजम।
मुख्यालय से हुआ एमओयू साइन, पहली सैलेरी में मिला लाभ
जानकारी के मुताबिक पश्चिम रेलवे का सभी 6 मंडल के लिए यूनियन बैंक से 21 मार्च 2024 को एमओयू साइन हुआ। इसके बाद रतलाम मंडल के डीआरएम ऑफिस में कार्यरत रही दिवंगत कार्यालय अधीक्षक (स्थापना शाखा) मीना जाजम के मामले में पहला लाभ मिला है। मीना जाजम का सैलेरी अकाउंट यूनियन बैंक शाखा में था। बड़ी बात यह भी है कि जाजम की बैंक से सितंबर 2024 में पहली सैलेरी जारी हुई थी। इसके बाद 21 अक्टूबर 2024 को मृत्यु हो गई। इसके बाद 23 दिसंबर 2024 को पुत्री तनु जाजम के खाते में 10 लाख रुपए आए। दरअसल कर्मचारी की मौत के बाद बीमा लाभ दिलाने के लिए सीनियर डीपीओ अरिमा भटनागर व सीओएस हरिकिशन बारगे ने त्वरितता से प्रयास शुरू किए। 10 नवंबर को डेथ क्लेम के दस्तावेज जमा किए गए। इसके बाद यूनियन बैंक मैनेजर आशा मीणा से सतत संपर्क जारी रखा गया। इस काम में कार्यालय अधीक्षक वापी चौधरी के प्रयासों की अहम भूमिका रही है। रतलाम मंडल में पहला मामला बताया जा रहा है जब एमओयू साइन होने के बाद किसी कर्मचारी को बीमा का लाभ मिला।
एमओयू में बीमा लाभ की ऐसी सुविधा
रेलवे और यूनियन बैंक के बीच हुए करार के बाद इसमें अलग अलग स्लैब में बीमा राशि का प्रावधान निर्धारित है। सामान्य मौत पर कर्मचारी को 10 लाख रुपए का लाभ मिलना है। इसी तरह एक्सिडेंटल मामले में 1.15 करोड़ तथा एयर एक्सीडेंट में 2.15 करोड़ रुपए बीमा राशि मिलेगी। यह राशि बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के बीमा सुविधा के तहत मिलना तय हुआ है।