मामला दिवंगत ट्रैकमैन भाई के स्थान पर अनाधिकृत तरीके से नौकरी करने का
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। रतलाम रेल मंडल के लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर दिवंगत ट्रैकमैन कर्मचारी के स्थान पर छोटे भाई द्वारा अनाधिकृत तरीके से नौकरी करने के आरोपों के मामले में मुंबई से विलिजेंस टीम रतलाम पहुंची। टीम ने यहां से सीधे लक्ष्मीबाई नगर तथा महू स्टेशन का रुख कर अपनी प्रारंभिक जांच शुरू की। साथ ही संबंधितों से पूछताछ की गई। हालांकि मामले में रेल प्रशासन भी अपनी ओर से जांच पड़ताल में जुटा है। बीट इंचार्ज वेल्फेयर इंस्पेक्टर का पुख्ता दावा है कि प्रशासन हित में उजागर किए गए इस मामले की उन्होंने गहराई से तथ्यात्मक जांच की। इसके बाद अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी है।
मालूम हो कि पालिया-लक्ष्मीबाई नगर सेक्शन के तहत डॉ. अंबेडकर नगर महू सीनियर सेक्शन इंजीनियर के अधीन कार्यरत ट्रैकमैन नंदा पिता रादू का 20 जून 2020 में किसी कारणवश निधन हो गया था। आरोप है कि इसकी सूचना विभाग को दिए बगैर छोटे भाई थावरिया पिता रादू ने स्वत: ही नौकरी पाकर सेक्शन में काम पर आना शुरू कर दिया। आरोप यह भी है कि भाई की ग्रेडपे के मुताबिक बनने वाली पगार भी स्वयं छोटा भाई थावरिया लेता रहा। रिटायमेंट की पूर्व कार्रवाई के चलते पूछताछ एवं समय पर दस्तावेज नहीं भेजे जाने पर वेल्फेयर इंस्पेक्टर एनएस बैरागी द्वारा स्वयं सेक्शन में तथा पैतृक गांव पहुंचने व परिजनों के बयानों के बाद मामला सामने आया कि कर्मचारी की तो 2020 में ही मौत हो गई थी। साथ ही जो व्यक्ति नौकरी पर आ रहा है वह नंदा नहीं बल्कि उसका छोटा भाई थावरिया है।
इधर, बीट इंचार्ज वेल्फेयर इंस्पेक्टर बैरागी ने डेथ सर्टिफिकेट, परिजनों के लिखित बयान तथा ग्राम सरपंच के कथन के बाद रिपोर्ट तैयार कर सीनियर डीपीओ अरिमा भटनागर व डीआरएम रजनीश कुमार को सौंपी। चूंकि मामला इंजीनियरिंग विभाग से जुड़ा था। इसलिए इसकी सूचना सीनियर डीईएन कॉर्डिनेशन पीयूष पांडे को भी दी गई।
मामला उजागर होने पर रतलाम से लेकर चर्चगेट मुंबई तक हलचल मच गई। इसके बाद विजिलेंस टीम रतलाम मंडल पहुंची। लक्ष्मीबाई नगर, महू पहुंचकर संबंधितों से जानकारी ली। साथ ही वेल्फेयर इंस्पेक्टर बैरागी से भी विस्तृत जानकारी ली। इसकी जांच रिपोर्ट के बाद मामले में पुख्ता और भी सच्चाई सामने आएगी।
जांच में मामला सही निकला तो इन पर भी गिरेगी गाज
-सबसे पहले जमादार की भूमिका संदिग्ध मानी जाएगी। इस कर्मचारी पर ट्रैकमैन कर्मचारियों की हाजरी भरने का जिम्मा रहता है। इन्हें कर्मचारियों की चेहरे-मोहरे से भी पुख्ता पहचान होती है।
-सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पीडब्ल्यूआई) की जिम्मेदारी रहेगी। इनके अधीन सेक्शन के कर्मचारियों की जानकारियां रहती है। एसएसई को भी ट्रैकमैन कर्मचारियों के नाम सहित तमाम जानकारी रहती है।
-पूर्व के वेल्फेयर इंस्पेक्टर की अनदेखी भी मानी जाएगी। बताया जा रहा है कि वर्तमान बीट इंचार्ज को इस सेक्शन की बीट करीब दो माह पूर्व मिली। दिवंगत कर्मचारी का भाई करीब चार साल से कथित तौर पर नौकरी करता रहा। इसकी पूर्व में पहचान क्यों नहीं की गई।
-एईएन (सहायक इंजीनियर) के पास सभी कर्मचारियों के वेतन डेटा सहित अन्य तमाम रिकॉर्ड रहते है। इसलिए अधिकारी पर भी आंच आ सकती है।
-यदि रिपोर्ट पश्चिम रेलवे मुख्यालय तक भेजी गई तो संभव है कि विभाग के क्रमवार उच्चाधिकारियों की नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए इन्हें कार्रवाई के दायरे में लिया जा सकता है।