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एकतरफा सर्जरी…14 साल से कुंडली मारे अलसाए बैठे थे, कर दिए इधर से उधर

-रेलवे के कार्मिक विभाग में 15 ओएस स्तर के कर्मचारियों के तबादले।
-क्लर्क सीपी पांडे मामले की घूसखोरी उजागर होने के बाद प्रशासन की कार्रवाई।

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे के कार्मिक विभाग में बुधवार शाम को जारी तबादले आदेश ने एकाएक महकमे में हलचल मचा दी। विभाग प्रमुख द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए तबादला आदेश जारी कर सभी को चौका दिया। जारी सूची में 15 मुख्य कार्यालय अधीक्षक स्तर सहित कर्मचारियों को इधर से उधर कर दिया। खास बात यह रही कि इनमें ऐसे भी कर्मचारी है जो एक ही पद पर 14 सालों से जमें थे। पूर्व में किसी वरिष्ठ अधिकारी ने इन्हें हिलाने की जहमत नहीं उठाई।
बता दें कि पिछले माह सेटलमेंट सेक्शन में लंबे समय से ओएस पद पर जमे सीपी पांडे तथा शिवलाल मीणा का नाम विजिलेंस कार्रवाई के बाद घूसखोरी में उजागर हुआ था। इसके बाद डीआरएम के निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारी द्वारा लंबे समय से जमे अन्य कर्मचारियों को भी हटाने के लिए कमर कस ली थी।

14 साल से जमा था कर्मचारी

तबादला लिस्ट में कुछ खास नाम शामिल है। इसमें रेलवे अस्पताल में कार्यरत गोपाल भाटी को एक ही टेबल पर 14 साल हो गए थे। इसी तरह मुख्य कार्यालय अधीक्षक वेतन अनुभाग सुनील भार्गव व मुख्य कार्यालय अधीक्षक सीमा कौशिक के भी सेक्शन बदल दिए गए। हालांकि भार्गव की विशेष कार्य दक्षता को देखते समान पद पर तबादला होकर आ रही स्वाति पंडित के लिए वेतन अनुभाग का काम चैलेंजिंग साबित हो सकता है। हालांकि पंडित का कहना है कि वह सभी टेबलों पर काम कर चुकी है। इसलिए उनके लिए वेतन अनुभाग में काम करना चैलेंजिंग नही है। इसी तरह यह भी खास रहेगा है कि रेलवे अस्पताल भेजे जा रहे बापूसिंह भाटी नई भूमिका में वहां कितना न्याय कर पाएंगे।

गोपनीय विभाग के कर्मचारी को गोपनीय रखा

दरअसल ये सभी तबादलें नियम एक स्थान पर 4 साल से अधिक समय तक कार्यरत रहने के उपरांत पिरियोडिकल (आवधिक) श्रेणी के तहत किए गए। लेकिन इसी मापदंड के मुताबिक गोपनीय विभाग के कर्मचारियों को फिलहाल राहत मिलना समझ से परे है। इस शाखा में 4 कर्मचारी भी सालों से एक ही टेबल पर पदस्थ है। इन्हें यथावत रखना भी चर्चा का विषय बना है।

लेखा सहित अन्य विभाग कार्यवाही से अछूते

कार्मिक विभाग में पिरियोडिकल तबादलें कर दिए गए। लेकिन अन्य विभाग में भी कई कर्मचारी सालों से एक ही टेबल पर जमे हुए हैं। लेखा (अकाउंट्स) विभाग की स्थापना, व्यय अनुभाग, वित्त, ऑडिट व आपत्ति निरीक्षण, बीआर-डीआर, प्रशासन, बुक्स व बजट, ई बिल्स, पीएफ, एनपीएस, सस्पेंस शाखा में पदस्थ कर्मचारियों को 4 साल से अधिक समय हो गया है। इसमें भी वित्त तथा व्यय अतिसंवेदनशील पद है। बताया जा रहा कि ठेकेदार बिलिंग के काम में जुटे इन दोनों शाखाओं के कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है। ठेकेदारों का कहना है कि अपनी मंशा साधने के लिए हर बार एक न एक गलती दर्शाते हुए बिल लौटाकर लंबित किए जा रहे है। जबकि एक बार की जांच में ही सारी त्रुटियां बताई जा सकती है।

इन विभागों में भी कार्यवाही की दरकार

मंडल कार्यालय के वाणिज्य विभाग, इलेक्ट्रिकल विभाग, ऑपरेटिंग विभाग, मेकेनिकल विभाग के कई पदों पर कर्मचारी लंबे समय से जमे है। वाणिज्य विभाग में पूर्व में भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त व निलंबित रहे इंस्पेक्टर को लंबे समय से तबादलें से राहत दी जा रही है।

फखरे आलम के पदोन्नति में भी आलम

इधर, कार्मिक विभाग द्वारा बुधवार को एस एन्ड डब्ल्यूएलआई फखरे आलम सहित दो कर्मचारियों को सीएस एन्ड डब्ल्यूएलआई पद के लिए पदोन्नति आदेश जारी किए गए है। इसमें भी पूर्व में कई बार अपने प्रभाव से तबादला आदेश बदलवा चुके फखरे आलम को पदोन्नति उपरांत यथास्थान इंदौर होस्टल पर ही पदस्थ कर दिया गया।

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