-पिछले आचार-विचार, स्वस्थ व सक्रिय प्रदेश के विधायक मंत्रिमंडल शामिल होंगे।
– भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी दिए टीवी इंटरव्यू में संकेत।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंत्रिमंडल में प्रदेश के किन नए व पुराने विधायकों की एंट्री होगी। यह भी पार्टी की जीत के बाद मुख्यमंत्री के चयन जैसा ही चौकाने वाला हो सकता है। पार्टी की गाइडलाइन के मुताबिक मंत्रियों के चयन के आधार में विधायकों की विधानसभा क्षेत्र में कामकाजी गतिविधियां व उनका कार्यकर्ताओं के बीच जुड़ाव शामिल रहेगा।
इसके लिए भी पार्टी स्तर पर डाटा खंगाला जा रहे है। पार्टी सूत्र बताते है कि प्रदेश स्तर पर इसका डाटा बैंक पार्टी के पास पहले से भी है।
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फ़ोटो कैप्शन: प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विधायक चेतन्य काश्यप ने भोपाल स्थित विंध्य कोठी पहुंचकर स्वागत-अभिनंदन किया। काश्यप ने मुख्यमंत्री को कैबिनेट की पहली बैठक में जनहितैषी महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सफलता के लिए मंगलकामनाएँ की।
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दरअसल मुख्यमंत्री के चयन के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पार्टी की गाइडलाइन स्पष्ट कर चुके है। हाल ही में दिए टीवी इंटरव्यू में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सभी विधायकों का डाटा बैंक पार्टी के पास है। इस आधार पर सामान्य कार्यकर्ता या विधायक को सरकार में जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसके लिए कोई भी किसी का खास नहीं चलेगा।
जिले में भी काम करेगी पार्टी की गाइडलाइन
विधानसभा चुनाव में रतलाम जिले से भाजपा को बड़ी जीत मिली है। यहां की पांच विधानसभा में रतलाम से चेतन्य काश्यप, रतलाम ग्रामीण मथुरालाल डामोर, जावरा डॉ. राजेंद्र पांडेय व आलोट से चिंतामणि मालवीय जीतकर विधायक बने है।
यहां भी मंत्रीमंडल के लिए दावेदारी जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि जिले से भी विधायकों के डाटा बैंक पर मंथन किया जा रहा है। यदि जिले से किसी विधायक को स्थान दिया जाता है तो पिछले कार्यकाल या पार्टी में रहते आचार-विचार, स्वास्थ व सक्रियता संबंधी जानकारी प्रमुख आधार बनेगी।
18 दिसंबर से पहले गठन संभावित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मंत्रिमंडल में नए चेहरों के साथ ही पुराने उन मंत्रियों को भी मौका मिल सकता है, जिनका अपने कार्यकाल में परफॉर्मेंस बेहतर रहा। 18 दिसंबर से पहले एक छोटा मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है।
हालांकि इसका अंतिम निर्णय दिल्ली में होगा। प्रदेश के नेता दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करने जाएंगे। इसमें अभी समय लग सकता है। 18 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से पहले एक छोटे मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी है।
चर्चा है कि डॉ. यादव की कैबिनेट में सबसे ज्यादा नए और काम करने वाले युवा चेहरों को मौका दिया जाएगा। साथ ही उन पुराने मंत्रियों को भी मौका मिल सकता है, जिन्होंने पूर्ववर्ती शिवराज मंत्रिमंडल में बेहतर कामकाज किया है। हालांकि, इनकी संख्या कम ही रहेगी। कैबिनेट का स्वरूप क्या रहेगा और कौन-कौन सदस्य शामिल होंगे इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। नाम पर अंतिम मोहर दिल्ली में आलाकमान लगाएगा।
जुझारू नए चेहरे हो सकते हैं शामिल
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने संघ से जुड़े डॉ. यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया है। इसी की झलक कैबिनेट में दिखने की बात कही जा रही है। संघ की तर्ज पर काम करने वाले और कार्यकर्ता के रूप में बेहतर काम करते आए नए चेहरे को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। ताकि प्रदेश में एक नई लीडरशिप तैयार की जाए।
पूर्व मंत्रियों को मिलेगा मौका
कैबिनेट में युवा चेहरों के साथ ही कुछ पुराने चेहरों को मौका देने की बात कही जा रही है। दरअसल, प्रदेश में सीएम व दो डिप्टी सीएम चयन जातिगत समीकरण के अलावा उनके पिछले कार्यकाल के परफॉर्मेंस को ध्यान में रखते हुए किया गया। इसी तर्ज पर पिछली सरकार के मंत्रियों को भी मौका मिलेगा। इसमें जातिगत समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय समीकरण को भी साधा जाएगा। विधायक चेतन्य काश्यप सहित कई विधायकों व पूर्व ने गुरुवार सीएम से मंत्रालय में मुलाकात की। इसमें सभी की बांछे खिली दिखाई दी।