-पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद की आपत्ति पर मामला डीआरएम के संज्ञान में।
-परीक्षा निरस्त करने की कार्रवाई से बच रहे आला अधिकारी।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे में अनियमितता के बावजूद अधिकारियों द्वारा आँखें मूंदकर बैठे रहने का सिलसिला अभी भी जारी है।
सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग में पिछले माह हुई टेलीकॉम जेई (एलडीसीई) की परीक्षा में धांधली को लेकर पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद द्वारा लिखित आपत्ति ली गई। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने परीक्षा को निरस्त करने की जहमत नहीं उठाई।
इस मामले में पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के जोनल महामंत्री शिवलहरी शर्मा ने डीआरएम से लेकर एडीआरएम तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों तक को तथ्यात्मक शिकायत दर्ज कराई है। इस पर कार्रवाई के बजाय जिम्मेदार गड़बड़ियों को भी ग्रीन सिग्नल देकर इसे जायज मान रहे है।
परिषद के जोनल महामंत्री शर्मा ने कहा कि रेलवे सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग में टेलिकॉम जेई परीक्षा में घोर धांधली की गई है। जबकि प्रभावित कर्मचारियों ने भी लिखित शिकायत की है। यदि अभी भी परीक्षा निरस्त नहीं की गई। तब यह मामला रेलवे बोर्ड तक ले जाकर कार्रवाई करवाएंगे।
इन तथ्यों पर ली गई है आपत्ति
– 50 फीसदी प्रश्न एक ही पुराने पेपर से जारी कर परीक्षा में सम्मिलित कर लिए गए। इससे लीक होने की पूरी आशंका निर्मित हुईं है।
– परीक्षा में 60 फीसदी कर्मचारी असफल कर दिए गए। जबकि चुनिंदा कर्मचारियों को पास किया गया।
-इन्ही चुनिंदा कर्मचारियों को लाभ देने के लिए परीक्षा के पूर्व ही उन्हें ट्रेनिंग में भेज दिया गया।
-शाखा अधिकारियों के स्थानांतरण प्रकियाधीन होने पर भी बार-बार तिथियां बदली गई।
-परीक्षा की यह तारीख पहले 2.8.2023 की गई। बदलकर 24.8.2023 की गई। बाद में इसे 30.7.2023 करना भी संदेह के घेरे में है।
-अधिकांश परीक्षाओं में तारीख बढ़ाई जाती है। टेलिकॉम जेई परीक्षा में तय तारीख से पहले आयोजित करने का फ़ैसला करना भी आशंकाएं निर्मित कर रहा है।
– रेलवे बोर्ड के नियमों के मुताबिक परीक्षा परिणाम घोषित करने के पूर्व उत्तर कुंजी जारी नहीं की गई। परीक्षा में शामिल हुए कर्मचारियों से उत्तर कुंजी में आपत्तियां भी नहीं ली गई।
-परीक्षा में शामिल कर्मचारियों के कुल प्राप्तांक को सार्वजनिक न करते हुए सीधे पैनल जारी कैसे कर दिया गया।
– मामले में जल्दी ही पदोन्नति के आदेश जारी कर अनियमितता करने की पूरी तैयारी।