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मां सीरियस होने की सूचना पर मथुरा जाने निकला, खुद कॉल का ग्रास बन गया

-मामला रेलवे कर्मचारी अरुण भारद्वाज की ट्रेन की चपेट में आने से मौत का।

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। शुक्रवार सुबह मां की तबियत नाजुक होने की सूचना मिली। इसके बाद मथुरा जाने के लिए रतलाम से रवाना होने से पहले ही रेलकर्मी अरुण भारद्वाज खुद ट्रेन हादसे में काल का ग्रास बन गए। इनके निधन की खबर जिसने भी सुनी, वह आवक रह गया।
बताया जा रहा कि रेलवे स्टॉक वेरिफायर अरुण भारद्वाज को पहले जानकारी मिली कि मां की तबीयत बेहद खराब है। तब पत्नी श्रद्धा भारद्वाज, 4 वर्षीय बेटे दिव्येश व 8 वर्षीय बेटी लक्की के साथ मथुरा जाने के लिए बर्थ के इंतजाम में जुट गए थे।
शुक्रवार सुबह 9:30 बजे भारद्वाज ने रेलवे कमर्शियल विभाग में कार्यरत सीएमआई बाबर कुरैशी से संपर्क किया। उन्हें ट्रेन में वीआईपी कोटा का आवेदन लगाने की बात कहीं।
बाद में भारद्वाज मथुरा जाने के लिए दोपहर बाद रेलवे स्टेशन पहुंचे। ट्रेन का समय होने पर वे ताबड़तोड़ प्लेटफार्म नंबर 6 की ओर पहुंचे। लेकिन ट्रेन दिखाई देने पर वह प्लेटफॉर्म की सामने की ओर से गिट्टी वाले छोर से चलती ट्रेन में सवार हुए। एकाएक पैर फिसलने से ट्रेन के नीचे जा गिरे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेन के नीचे आने से उनका शरीर दो भागों में बंट गया।

घर की छत पर मनाई कृष्ण जन्माष्टमी

रेलकर्मी भारद्वाज सामाजिक होने के साथ ही धार्मिक उत्सवप्रेमी भी थे। धार्मिक आयोजनों में हिस्सा लेते थे। अलकापुरी निवासी अनिल पुरोहित ने बताया कि गुरुवार जन्माष्टमी पर वह वाक पर निकले थे। तब अरुण भारद्वाज के घर की दूसरे माला पर जन्माष्टमी उत्सव मनाया जा रहा था। साउंड की आवाज आ रही थी।

भयावह मंजर: पत्नी-बच्चों के सामने ही निकले प्राण

घटना का लाइव वीडियो न्यूज़ जंक्शन-18 न्यूज़ पोर्टल के पास है। लेकिन पूरे घटनाक्रम का वह भयावह मंज़र हम पाठकों के लिए न्यूज में शेयर नही कर सकते।
दरअसल रेलकर्मी भारद्वाज बान्द्रा-कानपुर एक्सप्रेस में सवार होने के लिए दोपहर 2.40 बजे से कुछ सेकेंड पहले प्लेटफॉर्म 7 की ओर पहुंचे। गाड़ी पार्किंग में लगाने के बाद भारद्वाज पीठ पर पिट्ठु बैग लटकाए आगे तथा पत्नी हाथ मे लगेज लिए बच्चों के साथ पीछे-पीछे तेजी से चली। तभी प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर खड़ी कानपुर-बान्द्रा एक्सप्रेस चलने लगी। एक ओर भारद्वाज प्लेटफॉर्म 7 से कूदकर प्लेटफॉर्म 6 ओर ट्रेन में सवार होने लपके। संभवतः वे ट्रेन में चढ़कर चेन पुनिंग कर ट्रेन ठहराना चाह रहे होंगे। इस बीच बेटी ने चिल्लाते हुए रोकने का भी प्रयास किया। लेकिन पायदान पर चढ़ते ही पैर फिसला और रेलकर्मी भारद्वाज पहिए के नीचे आ गए। हादसा देख प्लेटफॉर्म 7 से आगे बढ़ रही पत्नी ने हाथ से लगेज छोड़ा और दौड़कर मौके पर पहुंची। तब तक शरीर पर ट्रेन के पहिए चढ़ते चले गए। घटना के बाद स्टेशन के अधिकारियों ने फौरन एम्बुलेंस बुलवाकर शव पहले रेलवे अस्पताल भिजवाया।

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