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पहले जत्थे में रतलाम के 7 यात्री शामिल, शुरू में 60 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के किए दर्शन

पिछ्ली आपदा को देखते अमरनाथ श्राइन बोर्ड व प्रशासन द्वारा शुरू की नई व्यवस्था।

न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। अटूट धार्मिक आस्था व भरपूर रोमांच से भरी बाबा अमरनाथ की कठिन लेकिन आनंददायी यात्रा पहली जुलाई से शुरू हो चुकी है। रतलाम से पहले जत्थे में 7 महिला-पुरूष यात्री शामिल हुए। इतना ही नहीं इन्होंने शुरू दिन 60 हजार यात्रियों के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन भी किए। हालांकि भौगोलिक सतर्कता को देखते इस साल केंद्र सरकार, स्थानीय प्रशासन व बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इंतजामों में कुछ बदलाव भी किए। सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई। इन सब के बीच श्रद्धालुओं ने ऊंची चढ़ाई में थमने का नाम नही लिया। कई यात्रियों ने पैदल यात्रा शुरू की। जबकि अधिकांश यात्री खच्चरों पर सवार होकर बाबा की पवित्र गुफा तक पहुंचे। राह में सभी जय भोले का जयकारा लगाते रहे। उनमें शारिरिक एनर्जी स्वतः बढ़ती गई।

कल-कल करती बहती धाराएं, हरियाली से आच्छादित ऊंचे पहाड़ व इनके बीच मंडराते बादल। इन प्राकृतिक नजरों को निहारने से थकान भी दूर होती रही। यह संस्मरण अमरनाथ से लौटे रतलाम के यात्रियों ने अपनी जुबानी व्यक्त किया तो यात्रा का मंजर स्वतः ही आंखों के सामने आ गया।

आरएफआईडी कार्ड से यात्रियों पर निगरानी

बाबा बर्फानी के दर्शन कर लौटे रतलाम निवासी नितिन शर्मा ने बताया कि वे अमरनाथ के लिए रतलाम से वे 28 जून को रवाना हो गए थे। 1 जुलाई को पहले जत्थे में सभी ने दर्शन कर लिए। जाने में चढ़ाई के लिए बालटाल पहुंचे। वहां यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन दिखाकर सबसे पहले आरएफआईडी कार्ड बनवाना होता है। आरएफआईडी कार्ड का मतलब है रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस।

अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा यात्रियों की मदद के लिए इसकी अनिवार्यता की है। डिवाइस के जरिए यात्रियों की रास्ते मे हर लोकेशन पर कड़ी नजर रखी जाती है। बिना आईडी कार्ड के किसी भी यात्री को बालटाल या पहलगाम मार्ग से बाबा अमरनाथ की गुफा की तरफ बढ़ने की कतई इजाजत नहीं दी जा रही है। यह व्यवस्था यात्रियों को पुख्ता सुरक्षा देती है। इस बार अमरनाथ यात्रियों के लिए हेलमेट भी निशुल्क बांटे जा रहे हैं।

आपदाओं को देखते दर्शन में समय की पाबंदी

यात्री शर्मा के मुताबिक इस से सुबह 9 बजे बाद यात्रा की अनुमति नही दी जा रही है। यानी आपको नीचे से चढ़ाई करना है तो सुबह 9 बजे पहले हर हाल अलर्ट रहना है। इसी तरह गुफा क्षेत्र में शाम 6 बजे बाद किसी को ऊपर ठहरने नही दिया जा रहा है। वापसी में 11 बजे तक नीचे आना भी अनिवार्य किया गया है। रास्तेभर सुरक्षा के इस बार पुख्ता इंतजाम है। पिछले सालों की आपदाओं को देखते इस साल से ऐसे नए इंतजाम किए है।

पहले दिन 60 हजार यात्रियों ने दर्शन किए

यात्रा के पहले दिन 60 हजार यात्रियों ने बाबा अमरनाथ के दर्शन किए है। पहले जत्थे में रतलाम से नितिन शर्मा, रुचिका शर्मा, आयुष शर्मा, राजेंद्र पाल, संगीता पाल, दर्शील पाल व देवेंद्र मिश्रा भी शामिल हुए। यात्रियों के मुताबिक हर साल की तरह चढ़ाई में राहभर भरपूर खाने के निःशुल्क इंतजाम है।

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