-प्राथमिक शालाओं में कब बुलबुल गतिविधि को बढ़ावा देने ग्राम अमलेटा में शिविर का आयोजन
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। विभिन्न स्कूलों के कक्षा तीसरी से पांचवी तक के 56 कब बुलबुल ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा दिखाई। इन बच्चों का लक्ष्य रजत पंख (राज्य पुरस्कार) हीरक पंख (राष्ट्रपति पुरस्कार) प्रशिक्षण में सम्मिलित होना है।
दरअसल प्राथमिक शालाओं में कब बुलबुल गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए 4 जुलाई 2023 को जिला प्रशिक्षण केंद्र ग्राम अमलेटा में एक दिवसीय जिला स्तरीय कब बुलबुल हॉलीडे शिविर का आयोजन किया गया। राज्य मुख्यालय की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान कर शासकीय शालाओं के लिए निशुल्क प्रशिक्षण रखा गया। इस शिविर में नेशनल बुलबुल कमिश्नर डॉ. सुलोचना शर्मा एवं डॉ. गोपाल जोशी रोवर कमिश्नर रतलाम के द्वारा निरीक्षण किया गया। ये नन्हें-नन्हें कब बुलबुल की गतिविधियों से रूबरू हुए। संतोष व्यक्त कर बच्चों को मार्गदर्शन दिया।
उक्त प्रशिक्षण का शुभारंभ प्रातः 8 बजे से ध्वज शिष्टाचार, प्रार्थना, झंडा गीत के साथ किया गया। शिविर संचालक रमेश चंद्र राठौर सहायक शिविर संचालक प्रीति गोठवाल, सहायक कैलाश चंद्र व्यास, क्वार्टर मास्टर जगदीश चंद्र डोडिया ने प्रवेश पाठ्यक्रम कॉर्नर बसाहट, परिचय, नियम, प्रतिज्ञा, निरीक्षण, बुलबुल सेरेमनी, सम्मान के तरीके, विशाल गर्जना, मोगली उत्सव, जंगल गीत, नृत्य, तारा, बुलबुल की कहानी, पेंटिंग, ड्राइंग हस्तकला, प्रदर्शनी, लघु उद्योग, फैंसी ड्रेस, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहसिक कार्यक्रम, लोक कला, घेरे का खेल, जल थल, चीता चीतल, नमस्ते जी, पीटी, व्यायाम, योग, पिरामिड का प्रशिक्षण दिया। उक्त प्रशिक्षण में प्राथमिक विद्यालय नूतन रतलाम, प्राथमिक विद्यालय डोसीगांव, प्राथमिक विद्यालय अमलेटा, प्राथमिक विद्यालय सेमलिया, प्राथमिक विद्यालय नाऊखेड़ी के कक्षा तीसरी से पांचवी तक 56 कब बुलबुल ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के बाद ये सभी कब बुलबुल प्रथम चरण पाठ्यक्रम में सम्मिलित होकर आगे के द्वितीय चरण, तृतीय चरण रजत पंख (राज्य पुरस्कार) हीरक पंख (राष्ट्रपति पुरस्कार) प्रशिक्षण में सम्मिलित हो सकेंगे।
उक्त प्रशिक्षण में सेमलिया से सुश्री प्रेरणा बैरागी, ग्राम अमलेटा से आर एल डोडियार डोसीगांव से नगमा मिर्जा बच्चों को लेकर उपस्थित हुए। शाम 4:30 बजे ध्वजाअवतरण के पश्चात सभी ने अपने शिक्षकों के साथ विद्यालयों की ओर प्रस्थान किया। कार्यक्रम का संचालन जगदीश चंद्र डोडिया ने किया। आभार कैलाश चंद्र व्यास ने व्यक्त किया।