– बरबड़ स्थित विधायक सभागृह में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का चौथे दिन पहुंचे असंख्य श्रद्धालु।
– महामण्डलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंदजी सरस्वती ने कहा भगवान सिर्फ भक्तों से प्रेम करते है।
– मुख्य अतिथि कर्नाटक के महामहिम राज्यपाल थावरचंद गेहलोत और महापौर प्रहलाद पटेल ने स्वामीजी का लिया आशीर्वाद।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। चेतन्य काश्यप फाउंडेशन एवं श्री हरिहर सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रही। महामण्डलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंदजी सरस्वती महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि जब-जब धरती पर अन्याय और अत्याचार बढ़ता है, तब-तब भगवान प्रकट होते है। भगवान का जन्म और कर्म दिव्य है। समाज को इससे प्रेरणा लेना चाहिए।
प्रभु के जन्म का प्रसंग आते ही बरबड़ स्थित विधायक सभागृह के पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। विधायक चेतन्य काश्यप, श्रीमती नीता काश्यप एवं श्रवण काश्यप ने श्री कृष्ण के बाल रूप को पालने में झूलाया। प्रभु के अवतरण पर चारों ओर बधाइयां बटने लगी। इस मौके पर जमकर आतिशबाजी, पुष्पवर्षा और ढोल ढमाके व जयकारों के बीच पूरा पांडाल जय कन्हैयालाल के स्वरों से गूंज उठा। पांडाल को इस मौके के लिए विशेष रूप से सजाया गया था। इसके पूर्व भगवान श्रीराम के जन्म की कथा भी स्वामीजी ने श्रवण कराई। कथा के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में कर्नाटक के महामहिम राज्यपाल थावरचंद गेहलोत एवं महापौर प्रहलाद पटेल उपस्थित हुए। उन्होने पूजा-अर्चना कर स्वामीजी का स्वागत-अभिनंदन किया। इस दौरान मोहनलाल भट्ट, गोविंद काकानी, मनोहर पोरवाल भी उपस्थित रहे।
महामण्डलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंदजी सरस्वती ने कहा कि भगवान सिर्फ भक्तों से प्रेम करते है। इसके लिए आपके अंदर प्रेम और भक्ति के साथ वात्सल्य होना चाहिए। भगवान की तरफ आप एक कदम बढ़ोओगे तो वे सौ कदम दौड़े चले आएंगे। आप ठान लो तो कुछ भी कर सकते हो। आपके संकल्प में शक्ति होना चाहिए। जिस प्रकार बल्ब को जलाने के लिए तार को एक बार जोड़ना पड़ता है, ऐसे ही अपने मन को भगवान से एक बार जोड़ लो पाप मिट जाएंगे और पुण्य का उदय होगा।
स्वामीजी ने कथा में कहा कि थोड़ी सी गलतफहमी परिवार को नष्ट करने का काम करती है। किसी एक का अहंकार पूरे परिवार के विनाश का कारण बनता है। संसार में लोग बुद्धिमान भले ही दिखते है, लेकिन बुद्धिमानी उनके व्यवहार में नहीं दिखती है। उनमे अंहकार, अभिमान झलकता है, जो पतन का कारण होता है। अविश्वास की खाई जीवन को समाप्त करती है, इसलिए एक-दूसरे पर विश्वास होना चाहिए।
स्वामीजी ने कहा कि जिनकी बुद्धि घुटनों में होती है, वे धर्म को नहीं इच्छा को महत्व देते है। महापुरूषों ने कभी इच्छाओं को महत्व नहीं दिया, इसलिए आज सभी लोग उन्हे याद करते है। जनप्रतिनिधि का काम केवल भोजन की व्यवस्था, सड़के बनाना, उद्योग खोलना और रोजगार दिलाना ही नहीं होता, मानव जीवन में नैतिकता, संस्कार, संस्कृति का प्रभाव कैसे बढे़ यह काम भी हर जनप्रतिनिधि को करना चाहिए। रतलाम में विधायक चेतन्य काश्यप संपूर्ण समाज के सर्वांगीण विकास की अवधारणा को फलीभूत कर रहे है। यह भौतिक विकास के साथ हमारी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की जो धरोहर है, उनके संरक्षण और जीर्णोद्धार की दिशा में भी प्रयास कर रहे है। स्वामीजी ने श्री काश्यप को विश्वास दिलाया कि आपकी इस दिशा में एक कदम उठाएंगे तो संत समाज चार कदम उठाने के लिए तैयार है।
महामहिम राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने इस अवसर पर कहा कि हमारा देश ऋषिमुनियों का देश है। उनके आशीर्वचन से ही देश का धर्म, संस्कृति, सभ्यता और आध्यात्म विश्व के अनेको देशों के लोगों को प्रभावित कर रहा है। कई देशों के लोग हमारे धर्म-संस्कृति को अपना कर अपने जीवन को सफल करने का प्रयास कर रहे है। श्री गेहलोत ने कथा में सुनाए जाने वाले प्रसंगों को अंगीकार करने का आव्हान किया और कहा कि व्यक्ति को जब बचपन से धर्म संस्कृति के संस्कार मिलते है, तो उसका, परिवार, समाज का जीवन सफल हो जाता है। कलयुग में धर्म संस्कृति की महती आवश्यकता है। इसके बिना विश्व कल्याण और शांति संभव नहीं है।
महापौर प्रहलाद पटेल ने कहा कि कथा कई संदेश देती है। हमे उसके संदेशों का अनुसरण कर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए। रतलाम में विधायक काश्यप जी द्वारा भौतिक विकास के साथ-साथ धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षिणक, खेलकूद और सामाजिक विकास के कई आयाम स्थापित किए गए है, जो उन्हे अलग ही स्थान दिलाते है।
विधायक चेतन्य काश्यप ने कहा कि राजनीति एक ऐसा कर्म है, जिसे समझ कर किया जाए तो समाज में समरसता का माहौल निर्मित हो सकता है। वर्तमान समय में धर्म का कर्म अति आवश्यक है, क्योकि इससे ही प्रकृति का संतुलन बना रह सकता है। महामहिम राज्यपाल गेहलोत जी ने भी सामाजिक बदलाव के कई प्रयास किए है। उन्होने दिव्यांग शब्द देकर पीड़ित मानवता को सम्मान दिलाया है।
कथा के पूर्व श्री सनातन धर्म महासभा, श्री बद्री नारायण सेवा ट्रस्ट, श्री हनुमान मंदिर हनुमान बाग, श्री गोपाल जी का बड़ा मंदिर, गायत्री परिवार, श्री गोपाल जी का मंदिर गौशाला रोड, अखिल भारतीय बलाई महासंघ, पूज्य सिंधी पंचायत एवं भारतीय सिंधुसभा, श्री सोनी सिंधी समाज, स्वर्णकार सिंधी समाज, जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन, क्रीड़ा भारती रतलाम, श्री यादव अहीर समाज, श्री औदिच्य ब्राह्मण समाज, वाघेला गो सेवा समिति, पतंजलि युवा भारत, डॉ ईश्वर बोराणा मित्र मंडल, अखिल भारतीय क्षत्रीय टांक महासभा, क्षत्रीय राजपूत समाज रतलाम अमृत सागर, सब्जी मंडी भारतीय संघ, भाजपा दीनदयाल मंडल, व्यापारी प्रकोष्ठ आदि ने स्वामीजी का स्वागत-वंदन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।