-पूर्व ग्रहमंत्री हिम्मत कोठारी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
-पत्र में कहा कि रतलाम में सभी संसाधन उपलब्ध फिर भी रिपोर्ट गलत पेश की।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। मेगा टैक्सटाइल पार्क के लिए रतलाम में पानी सहित आवागमन की पर्याप्त उपलब्धता है। इसके बावजूद केंद्र की टीम ने सर्वे में रतलाम को मेगा टैक्सटाइल पार्क के लिए उचित नहीं माना। यह फैसला संभवतः किसी के दबाव में लिया गया है।
इस आशय का पत्र पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखते हुए रतलाम शहरवासियों के हित पर हुए कुठाराघात की जानकारी दी।
कोठारी ने कहा कि चार में से एक स्थान का चयन करने के लिए केंद्र सरकार की एक टीम पिछले दिनों आई थी। जिसने टैक्सटाइल पार्क के लिए पानी, बिजली, भूमि और ट्रांसपोर्टेशन उपलब्धता का अध्ययन कर मेगा टैक्सटाइल पार्क का चयन किया।
समाचार-पत्र के माध्यम से पता चला कि रतलाम के स्थान पर धार जिले के बदनावर का चयन होना हैं।
बदनावर में पानी नही, कनेरी डेम 80 लाख गैलन
पूर्व ग्रहमंत्री हिम्मत कोठारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बताया कि इसी माह भोपाल में जब उनसे मुलाकात हुई थी। तब आपको अवगत कराया था कि कनेरी डेम में 80 लाख गैलन पानी प्रतिदिन उपलब्ध है। जिसमे उद्योग एवं पेयजल के लिए पानी दिए जाने का प्रावधान रखा गया था। यदि मेगा टैक्सटाइल पार्क का चयन होता है तो कनेरी डैम से इसकी दूरी मात्र 7 किलोमीटर रहती। सरकार द्वारा पाइप लाइन बिछाकर मात्र 4 महीने में ही तैयार कर पानी को पहुंचाया जा सकता है। इसके उलट धार जिले के बदनावर में पानी की उपलब्धता नहीं है।
8लेन के अलावा रेलवे की बड़ी सुविधा
कोठारी ने बताया कि रतलाम कनेक्टिविटी या ट्रांसपोर्टेशन के लिए दिल्ली-मुंबई 8लेन बनकर तैयार है। जिसका प्रधानमंत्री द्वारा 4 माह में विधिवत उद्घाटन भी होने वाला है। रतलाम की फोरलेन सड़क द्वारा अन्य जिलों से भी सुगम केनेंक्टिविटी हैं। रेलवे की दृष्टि से रतलाम जंक्शन पश्चिम रेलवे का डिवीजन केंद्र है। जिससे पूरे भारतवर्ष से ट्रेनों से जुड़ा है। कोठारी बताया कि जहां तक बिजली का सवाल है पूरे प्रदेश में बिजली समान रूप से उपलब्ध है। जबकि रतलाम जिले में पवन ऊर्जा के माध्यम भी सार्वधिक हैं। इस हिसाब से भी पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध है।
भूमि व पानी को लेकर रिपोर्ट में गलत जानकारी
रतलाम जिले में उद्योगों के लिए 8लेन के समीप ही औद्योगिक कॉरिडोर के लिए पर्याप्त भूमि का चयन भी किया जा चुका है। जिसमें अधिकांश भूमि शासकीय है। लेकिन टीम द्वारा यह रिपोर्ट दी गई कि रतलाम में मेगा टैक्सटाइल पार्क के लिए भूमि पानी बिजली एवं आवागमन की उपलब्धता नहीं है। इसलिए इसे रतलाम के स्थान पर धार बदनावर का चयन किया गया जो कि रतलाम जिले के वासियों के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
औद्योगिक विकास विभाग की भूमिका भी संदिग्ध
मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास केंद्र द्वारा मेगा टैक्सटाइल पार्क को लगने वाली सुविधाओं को चयन के लिए नजर अंदाज किया है। चयन के लिए केंद्र सरकार की जो टीम आई थी उसमें मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। यह विषय जांच के दायरे में आता है। ऐसा लगता है कि इस योजना के लिए विधायको एवं सांसदों द्वारा भी रुचि नहीं दिखाई। जनप्रतिनिधियों द्वारा भी यदि रतलाम की भौगोलिक एवं अन्य जानकारी केंद्र द्वारा भेजी गई टीम को दी गई होती तो इस प्रकार से पक्षपातपूर्ण निर्णय नहीं होता। कोठारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि किसी के दबाव में यह निर्णय किया गया है।