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विरोध में उठी आवाज़….पेंशन अदालत रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए, सूचनाएं कर्मचारी संगठनों को दे रहे, कोई प्रचार प्रसार भी नहीं

पेंशन अदालत को लेकर लापरवाही से पेंशनर्स में रोष, आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग

न्यूज़ जंक्शन-18

रतलाम। रतलाम मंडल में पेंशनर्स की समस्याओं के निदान के लिए पेंशन अदालत के आयोजन की मुनादी में रेलवे प्रशासन की अरुचि के चलते पेंशनर्स में नाराजगी देखी जा रही है। रिटायर्ड कर्मचारियों का कहना है कि अदालत को लेकर प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। ऐसे में कई पेंशनर्स आवेदन से वंचित रह गए हैं। बड़ी बात है कि प्रशासन यह जानकारी केवल दो ट्रेड यूनियन सहित कर्मचारी संगठनों को दी है। इन्हें रिटायर्ड कर्मचारियों की समस्याओं से सीधा वास्ता नहीं है। जबकि रतलाम में पीएआर (पेंशनर एसोसिएशन ऑफ रेलवे), एआईआरआरएफ सहित रिटायर्ड कर्मचारियों का एक अन्य संगठन है। इन्हें नोटिफिकेशन की प्रतिलिपि तक नहीं भेजी गई।
बता दें कि पेंशन अदालत 2025 के आयोजन का नोटिफिकेशन 10 अप्रैल 2025 को जारी किया गया था। इससे कि इच्छुक रिटायर्ड कर्मचारी समस्याएं लिखित रूप में निर्धारित समय सीमा में जमा करा सके। आरोप है कि इसकी प्रमुख समाचार पत्रों में कोई विज्ञप्ति दी गई। नहीं रेलवे स्टेशन परिसर, कार्यालयों या संगठनों के स्तर पर कोई सार्वजनिक सूचना उपलब्ध कराई गई।
ऐसे कई पेंशनर्स जिन्हें डिजिटल जानकारी का अभाव है या जिन्हें संगठनों से समय पर कोई सूचना नहीं मिली। वे आवेदन से वंचित रह गए हैं। रतलाम के कई पेंशनर्स और रिटायर्ड कर्मचारियों ने इस विषय पर गहरी चिंता जताते कहा कि यह गंभीर चूक है। बल्कि सूचना के अधिकार का हनन है।
पेंशनर्स का कहना है कि प्रत्येक वर्ष पेंशन अदालत की सूचना समाचार पत्रों, रेलवे कॉलोनियों, संगठनों और सोशल मीडिया के माध्यम से दी जाती रही है। इस बार प्रशासन की ओर से कोई भी सार्थक प्रयास नहीं किया गया। कुछ संगठनों ने यह भी आरोप लगाया है कि नोटिफिकेशन की एक प्रति औपचारिक रूप से भेजने के बजाय केवल दो संगठनों को मौखिक या सीमित रूप से इसकी जानकारी दी गई।
रेलवे से सेवानिवृत्त हुए कई कर्मचारियों को आशंका है कि अदालत का सीमित प्रचार रणनीति हो सकती है। जिससे सीमित संख्या में आवेदन प्राप्त हों। पेंशन अदालत का कार्य छोटा और त्वरित रूप में निपटाया जा सके।
इस पूरे मामले को लेकर रतलाम में कई पेंशनर्स और सेवानिवृत्त संगठनों के प्रतिनिधियों ने मौखिक रूप से वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। मांग की है कि जिन पेंशनर्स को आवेदन का मौका नहीं मिल सका, उनके लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई जाएं। ताकि सभी वंचित कर्मचारी अपनी समस्याएं रख सकें।
मामले में पेंशनर एसोसिएशन ऑफ रेलवे मंडल मंत्री रफीक मंसूरी ने कहा कि रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार पेंशन अदालत का आयोजन पारदर्शिता और अधिकतम सहभागिता के साथ किया जाना चाहिए। आशंका जाहिर है कि रतलाम मंडल की इस प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव रहा है।
पेंशनर्स द्वारा आवेदन की तिथि बढ़ाने की मांग लगातार उठ रही है। यदि इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया तो वे सामूहिक रूप से प्रशासन से पुनः संपर्क करेंगे। आवश्यक होने पर उच्च स्तर पर भी ध्यानाकर्षण कराएंगे।

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