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नहीं थमी कैंपर की अनियमितता…पूछताछ करने के बाद जांच को भूल गए रेलवे अफसर, बता दिया सबकुछ ठीक ठाक है

-रेलवे ट्रैफिक वर्कशॉप में जिम्‍मेदार अभी भी कर रहे शासकीय धन का दुरुपयोग।
-50 हजार रुपए तक की सामग्री का रतलाम में ही नीलामी के नियम, बावजूद भेज रहे।

न्‍यूज जंक्‍शन-18
रतलाम। रेलवे ट्रैफिक वर्कशॉप में शासकीय धन के दुरुपयोग का सिलसिला अभी थमा नहीं है। सामग्री आबंटन तथा वितरण की प्रमुख यूनिट ट्रैफ‍िक वर्कशॉप में कैंपर (बोलेरो वाहन) चलवाकर जिम्मेदार हर माह हजारों रुपए शासकीय धन को चपत लगा रहे है। यह अनियमितता अब तक थम जाना थी। इसके बजाय जिम्मेदार अब ट्रैफिक वर्कशॉप के पूर्व एसएसई इंचार्ज से वीआरएस दिलाने जुट गए है।
मालूम हो कि न्यूज़ जंक्शन-18 द्वारा ट्रैफिक वर्कशॉप की इस अनियमितता को उजागर किया था। जहां निजी रूप से अनुबंध‍ित बुलेरो (कैंपर) से सामग्री दाहोद सहित अन्‍य स्‍थान पर भेजकर माह में बेवजह वाहन मालिक को इसका भुगतान कर रहे है। क्योंकि इस अनियमितता में दो से तीन कर्मचारियों के टीए भी रेलवे को पृथक से वहन करना पड़ रहा है।

डीआरएम के निर्देशों की अनदेखी

रतलाम के डीआरएम रजनीश कुमार के निर्देशों की भी जिम्मेदार अनदेखी करने पर तुले है। जबकि इसके लिए सख्‍त निर्देश है कि किसी कर्मचारी के शासकीय काम से ट्रैवल करवाना हो। तब भी माह में केवल पांच से आठ दिन का ही टीए बनाया जाए। अधिकारी टीए बिल के पहले इसकी पर्याप्‍त जांच भी कर लें। रेलवे को आर्थिक बोझ का दबाव न झेलना पड़े। इसके बावजूद मामले में गंभीर नही है। विभाग के इंचार्ज की मिलीभगत के चलते रेलवे को हर माह हजारों रुपए माह के बेवजह भुगतना पड़ रहे है।
हालांकि पूर्व में इंजीनियरिंग व कमर्शियल विभाग के अधिकारियों ने वर्तमान इंचार्ज व कर्मचारियों को बारी बारी से मंडल कार्यालय तलब किया। लेकिन केवल इस बात की पूछताछ पर जोर दिया था कि विभाग की आंतरिक सूचनाएं बाहर कौन दे रहा है। इस मुद्दें से हटकर अधिकारी अब पूर्व इंचार्ज व वर्तमान आईओडब्ल्यू को वीआरएस दिलाने पर तुले है।

ऐसे निर्धारित है नष्टीकरण एवं नीलामी के नियम

रेलवे में मंडल एवं झोन स्तर के नियम है कि जो भी अनुपयोगी सामग्री है। यदि उसकी कीमत का आंकलन 50 हजार रुपए तक का है। तब इसकी नष्‍टीकरण एवं नीलामी की प्रक्रिया मंडल स्‍तर पर ही की जाए। बावजूद ऐसी सभी सामग्री दाहोद वर्कशॉप में भेजी जा रही है। ट्रैफिक वर्कशॉप में 45 हजार रुपए हर माह के लिए अनुबंधित लोडिंग वाहन बोलेरो का धड़़ल्‍ले से उपयोग कर रेलवे धन पर चूना पोत रहे है।

इस तरह कर रहे दुरुपयोग

-कार्यालयों सहित रेलवे स्‍टेशन उपयोग के बाद जो अनुपयोगी सामग्री को नष्‍ट करने या नीलाम की प्रकिया है।
– इसके लिए रतलाम से हर छोटी सामग्री भी दाहोद भेज रहे है।
-छोटी सामग्री जैसे कुर्सियां, टेबल, पलंग, तकिए, चादर भी ले जाने के लिए लोडिंग वाहन का उपयोग किया जा रहा है।
-ये सामग्री यदि ट्रेन में ले जाने के नियम न भी है तो ये इकट्ठा सामग्री के लिए बड़े वाहन का उपयोग किया जा सकता है।

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