रामलला प्राणप्रतिष्ठा का पांच सौ वर्षों का इंतज़ार आज समाप्त हुआ। रामलला अयोध्या में विराजित हो गए।यह प्रसंग सभी के ह्रदय को प्रफुल्लित करने वाला रहा। पूरे देश में रामलला प्रतिष्ठा को लेकर दिवाली सा उत्साह है और देश सहित विश्व के लगभग पचास देशों में उल्लास और दीपोत्सव का हर्ष है। इस महोत्सव पर हमारे रचनाकार साथियों ने भी अपनी कलम के जरिये कुछ कहने का प्रयास किया है। आशा है पटल पर प्रकाशित ये रचनाएं आपके मन को भाएगी।
जलज शर्मा, संपादक
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम।
मोबाइल नंबर 9827664010
रचनाओं के चयनकर्ता
संजय परसाई ‘सरल’
रतलाम।
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राम लला विराजेगें
बरसों बाद मंगल बेला यह है अब आई।
संघर्षों बलिदानों से शुभ घड़ी है अब आई।
मंदिर में विराजेगें रामलला खुशियां है अब छाई ।
22 जनवरी को यह पावन घड़ी है अब आई।
दीप और दीप माला सजे उत्सव मनाएं घर घर।
शंख घंटा ध्वनि और मंगल गान गूंजे हर डगर डगर ।
रंगोली सजाएं खुशियां मनाए हर शहर शहर ।
पावन नाम गूंजे श्री राम हर पहर पहर।
हवन मंत्रोच्चार से गूंजित सरयू का पावन तट।
मंदिर का वैभव अद्भूत सजल हर नयन घट।
भक्ति की बह रही धार लगी राम नाम की रट।
दर्शन से धन्य होगा जीवन खुलेंगे जब मंदिर के पट।
फूंका शंख सत्य सनातन धर्म का लेकर नाम।
हिंदुत्व का अब घर-घर लहरेगा परचम अविराम।
अद्भुत आलौकिक दिव्य सजा राम का अयोध्या धाम।
स्वर्ण रजत मंड़ित द्वार,उपहार अनुपम ललाम।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव है चले अयोध्या धाम।
करें वंदन जपे नित्य जय जय राम सियाराम।
राम भवन में बिराजेेंगे रामलला छबि अभिराम।
राम राज्य की प्रखर ज्योति जलेगी विराजेगें श्रीराम।
-डॉ गीता दुबे
रतलाम।
रामधून अयोध्या लागी
राम लला की महिमा, अद्भुत और अश्रुपूरित है,
उनकी कथा, हर दिल को छू जाती, हर कोने में बसे प्यार और भक्ति का आलोक सागर।
आदर्श पुरुष भगवान राम , राम लला की कृपा, जीवन को बना देती दिव्य ध्यान।
वनवास की कठिन यात्रा, सीता का हरण, राम लला ने सिखाई धर्म की शिक्षा और समर्पण ।
रावण को हराना, लंका को जलाना, राम लला की महिमा में,
है सत्य और धर्म का ज्यों का त्यों ।
श्रीराम के चरणों में भक्ति की राह, उनके नाम का जाप, बनाए आत्मा को निर्मल और पावन।
सीता, लक्ष्मण, और हनुमान के साथ, राम लला की कथा, बनी धरोहर की मूल बात।
राम लला की महिमा, अद्भुत और अनंत, उनकी पूजा से ही, होता है मन भावविभोर…
चारों ओर धून है अनमोल…
प्राण प्रतिष्ठा के साथ हो रहे अवध मे जश्न रोज।
लो आ गई वो घंडी अमोल राम लला
विराजे अवध में, सरयू के तट, हर घट घट चले सब हर।
-सौ. निशा बुधे झा *निशामन*
जयपुर।
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राम आएंगे
पुलकित हो रही पुनः धरा ।
राम आएगें सोच मन हो रहा हरा भरा ।
सँज गई दुल्हन सी अयोध्या नगरी ।
राम के स्वागत हेतु एकजुट हुए,
अयोध्या नगरी संग पूरे भारतवासी ।
राम के आगमन की खबर से हर्षित हुए भारतवासी ।
पुनः मनेगी अयोध्या संग पूरे देश में दीपावली ।
राम के आगमन हेतु मंगलगान गाए जायेंगे गली- गली ।
हिंसा का होगा अंत अंहिसा का होगा पुनः शुभारंभ ।
असत्य की होगी पराजय , सत्य की होगी विजय ।
राम राज्य का होगा शुभारंभ ।
धर्म की होगी स्थापना ।
अधर्म को होगा भारतभूमि से परे खिसकना ।
आत्मनिर्भर हो अपने देश का करें विकास ।
राम आचरण को बनाए अपने जीवन में खास ।
सारी बुरी प्रवृतियों का करे जीवन सें नाश ।
राम कें आगमन हेतु बना दिवस
22 जनवरी सन् 2024 खास ।
सरयुतट स्थित रामलला की जन्मभूमि
परम पावनी अयोध्या भारतवर्ष की भूमि ।
हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ।
राम के आर्दश को अपना निभाये अपनी निष्ठा ।
मिलजुल कर मनायें उत्सव राम आएंगे।
स्वागत में सभी मंगल गीत गाएंगे ।
जय श्री राम , सीता राम , सीता राम , जय श्री राम।
-निवेदिता सिन्हा
भागलपुर, बिहार।
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मेरे राम
राम मंदिर है प्रतीक
राष्ट्रीय स्वाभिमान का
राम मंदिर है निशानी
राष्ट्र सम्मान की
राम लला का होगा तीर्थ
धर्म की शान का
अयोध्या का प्रतिमान होगा
राम के वरदान का।
राम मंदिर में सजेंगे दीप
गूंजेंगे शंख घंटाल
दर्शन राम लला देंगे
बसेंगे मन मंदिर हर हाल
नित्य दर्शन से
मंदिर का नया स्वरूप निहारेंगे
साकार हो रहे राम मंदिर की
राष्ट्र निशानी संवारेंगे।
-संजय वर्मा “दॄष्टि”
125,बलिदानी भगतसिंह मार्ग
मनावर, जिला धार (मप्र)।
मोबा. 9893070756
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राम का एहसास
एहसास रहता भगवान का
कईं रूप में है भगवान
विकट परिस्थितियों में
लेते राम नाम ।
बच्चों का भी डर भगाए
स्मरण करते ही नाम
बेखौफ हो जाते है बच्चे
लेकर राम नाम।
नवजात को गले पहनाए
गंडा रामरक्षा का बनाए
अंगारा नित शाम लगाए
रात सुकून की नींद सोए।
बरामरक्षासे राम बचाए
जच्चा को भी ये सम्हाले
शाम पड़े गर दिया लगाए
नित ही लेते राम नाम।
-अर्चना पंडित
इन्दौर (मप्र)।
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जबश्रीराम आते हैं
जब श्री राम आते हैं, तो दीप जगमगाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो ध्वज लहलहाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो मन में उल्लास छाता है।
जब श्री राम आते हैं, तो हर जीव उत्सव मनाता है।
जब श्री राम आते हैं, तो दृश्य मनोरम हो जाता है।
जब श्री राम आते हैं, तो अंतहृदय पुलकित होता है।
जब श्री राम आते हैं, तो घर आंगन खिल जाता है।
जब श्री राम आते हैं, तो पुष्प जाजम बिछाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो सागर चरण पखारते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो प्रकृति मनोरम हो जाती है।
जब श्री राम आते हैं, तो कोयल भी गीत गाती है।
जब श्री राम आते हैं, तो अहिल्या माई मुक्ति पाती है।
जब श्री राम आते हैं, तो शबरी माई बैर खिलाती है।
जब श्री राम आते हैं, तो केवट भी स्नेह पाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो सुग्रीव भी राजपाट पाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो देवता भी दर्शन पाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो अयोध्या सी नगरी धाम हो जाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो पाप सब मिट जाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो नर-नारी नाचते-गाते गाते हैं।
जब श्री राम आते हैं, तो देव-दानव खुशी मनाते हैं।
-हेमलता शर्मा ‘भोली बेन’
इंदौर, (मप्र)।
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प्रभु श्री राम आएंगे
सैंकड़ो वर्षों बाद पुनः सब को भाग्यशाली बनाएंगे
अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम आएंगे
मिटेंगे सारे दुःख दर्द,
अब ना भूत-प्रेत किसी को सताएंगे
क्योंकि प्रभु श्रीराम पुनः अपने घर लौट आएंगे
मन का अंधकार दूर होगा
मस्तिष्क का अभिमान चूर होगा
विचार की अब नई दिशा दिलाएंगे
जब प्रभु श्रीराम ह्रदय में बिराजमान हो जाएंगे
उनके आगमन पर कुछ इस तरह खुशियां मनाएंगे
घरों, ऑफिसों और मंदिरों को दिवाली की तरह सजायेंगे
इसी तरह हम प्रभु श्रीराम के आने का उत्सव मनाएंगे।
-प्रेम ठक्कर
सूरत (गुज.)।