-विजिलेंस द्वारा पकड़े जाने के बाद ओएस पांडे सस्पेंड, क्लर्क मीणा का तबादला।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। सरकारी मुलाजिम रहते किसी घर का मुखिया दुनिया से चला जाए…। तब इसका गम व विपत्तियां क्या होती है…, वह केवल पीड़ित परिजन ही जान सकते है। दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है तो महीनों तक अपनों की बिछड़न, संत्रास भोगना पड़ती है…। सहयोग की उम्मीद शासकीय या प्रशासनिक व्यवस्था में बैठे जिम्मेदारों से रहती है। यह कि वे उदारता दिखाए…।
रेलवे ट्रैकमैन के बेटे आरस के साथ ऐसा कुछ भी सहयोग नहीं किया गया। उल्टे उससे क्लर्क द्वारा 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग ली गई। मंगलवार को विजिलेंस द्वारा बतौर सबूत क्लर्क को ट्रेेप कर लिया गया। हालांकि प्रशासन द्वारा प्रारंभिक एक्शन लिया है। सेटेलमेंट सेक्शन में कार्यरत क्लर्क (ओएस) सीपी पांडे को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। जबकि क्लर्क शिवलाल मीणा का तबादला कर दिया गया। मीणा को डीआरएम ऑफिस के निचले तल पर स्थित पास सेक्शन में नियुक्त किया गया।
इस मामले में पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि इंटरनल मामलों में विजिलेंस ही कार्रवाई करती है। इसकी रिपोर्ट गोपनीय रूप से विभाग को भेजी जाती है। इसके मुताबिक विभाग संबंधित पर कार्रवाई करता है।
जांच में बयानों के आधार पर होगी कार्रवाई
विजिलेंस द्वारा पकड़े गए इन दोनों क्लर्क पर प्राथमिक रूप से कार्रवाई कर दी गई। लेकिन विजिलेंस द्वारा तैयार रिपोर्ट के आधार पर पुख्ता जांच होगी। विजिलेंस द्वारा धरपकड़ कार्रवाई में ओएस पेशीट सुनील भार्गव को मुख्य गवाह बनाया है। मामले में शिकायतकर्ता के बयान होंगे। इसके बाद पांडे और मीणा पर ठोस कार्रवाई की जाएगी।
लंबे समय से चल रही थी शिकायतें
ओएस सीपी पांडे को लेकर लंबे समय से शिकायतें चल रहीं थी। पेंशन प्रकरणों में रिटायर्ड कर्मचारियों के वारिसों के नाम जुड़वाने या मृत कर्मचारियों के बच्चों के पेंशन आदेश में नाम जुड़वाने का लाभ दिलवाने में रिश्वत की मांग की जाती रही। अभी तक किसी भी व्यक्ति द्वारा शिकायत नहीं करने से मामले दबते रहे। लेकिन मृत ट्रैकमैन रेलकर्मी सकरिया गेमा के 23 वर्षीय बेटे आरस ने विजिलेंस को शिकायत करने की हिम्मत जुटा ली। रुपए लेते वक्त धरपकड़ में मामला उजागर हुआ है।
20 हजार रुपए मांगने का भी आरोप
इधर, सेवानिवृत्त एक रेलकर्मी ने भी एक मामले में क्लर्क द्वारा ऐसे ही मामले में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। 26 मीरकुटी, लक्ष्मणपुरा निवासी कैलाश खण्डकर ने बताया कि उनकी पुत्री अश्मी खण्डकर का नाम पेंशन भुगतान आदेश में इन्द्राज करवाना था। इसके लिए निपटारा अनुभाग के लिपिक चंदप्रकाश पांडे द्वारा 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। बल्कि राशि नहीं देने पर नियमों का हवाला देकर पीपीओ में नाम नहीं जोड़ा गया। इसकी शिकायत उन्होंने चर्चगेट मुंबई मुख्यालय की गई। इसकी कॉपी न्यूज जंक्शन-18 के पास सुरक्षित है।