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रेलवे स्टेशन पर केटरिंग इंतजाम बेहाल: सामग्री ख़रीदी के बिल देना जरूरी, यात्रियों को दिखा रहे ठेंगा

-रेलवे बोर्ड के नियमों की केंटीन संचालक उड़ा रहे धज्जियां।
-केंटीन संचालक की सीएमआई कंट्रोल पर की गई शिकायत।

न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेल यात्रियों को स्टालों पर खानपान सामग्री खरीदने के बदले बिल देना जरूरी है। रतलाम स्टेशन पर रेलवे बोर्ड के इस नियमों की बेख़ौफ़ धज्जियां उड़ाई जा रही है। यात्रियों का कहना है कि उनके द्वारा बिल मांगने पर कई बार डाट-डपट कर भगा दिया जाता है। जबकि स्टाल संचालक मशीन खराब होने का बहाना भी बना रहे है। सोमवार को प्लेटफॉर्म नंबर चार की एक स्टॉल पर इस मामले में सीएमआई कंट्रोल पर शिकायत भी की गई।
मालूम हो कि रेलवे बोर्ड की पॉलिसी के मुताबिक पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक द्वारा खानपान सामग्री खरीदने पर यात्रियों को बिल देना अनिवार्य किया गया है। तत्कालीन महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने तो कई बार रतलाम सहित अन्य स्टेशन पर औचक निरीक्षण भी किया। वर्तमान में मंडल के आला अधिकारियों के निरीक्षण में अनदेखी का स्टॉल संचालक जमकर लाभ उठा रहे है।

बिल मांगने पर मशीन खराब बताई

स्टालों पर अनदेखी का ताजा मामला सोमवार को देखने मे आया, जब रेलवे के कर्मचारी को ही बिल नही दिया गया। टीईटी पीएस मलिक का कहना है कि प्लेटफॉर्म नंबर 4 स्थित सांची स्टॉल पर 20 रुपए में दो मट्ठा लिया। हालांकि इसका मूल्य तो सही लगाया। लेकिन नियम से बिल मांगा तो संचालक ने यह कहते इंकार कर दिया कि अभी बिल नही दिया जा सकता है। हमारी बिल मशीन खराब पड़ी है। गहमागहमी के बाद मालिक ने कमर्शियल विभाग को मामला संज्ञान में देने सीएमआई कंट्रोल के नंबर पर फोन लगाया और शिकायत दर्ज कराई।

स्टेशन पर कमजोर निगरानी, जांच का अभाव

रेलवे स्टेशन पर केटरिंग इंतजाम चौबंद रखने के लिए कमर्शियल विभाग के सीएमआई नियुक्त है। इसके अलावा डिप्टी एसएस कमर्शियल की भी नियमित डयूटी रहती है। कमजोर निगरानी व जांच के अभाव के चलते यात्री कई तरह की बदइंतजामी का सीधे शिकार हो रहे है। मामले में रेलवे पीआरओ खेमराज मीणा का कहना है कि खानपान मामले में हर शिकायत पर कार्रवाई की जाती है।

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