-ट्रेन में रतलाम से बांद्रा की वर्किंग के लिए सवार हुआ था कंडक्टर
-वापी-बांद्रा के बीच ट्रेन के बी-4 में जांच के दौरान पकड़ाया।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। लखनऊ से बांद्रा के बीच चलने वाली साप्ताहिक ट्रेन संख्या 20922 में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई हुई है। ट्रेन के ऐसी कोच में जांच की गई तो ड्यूटी कंडक्टर के पास से रेलवे राजस्व से 12710 रुपए अधिक मिले। प्रकरण तैयार होने के बाद सीनियर डीसीएम मुंबई द्वारा इसे सस्पेंड कर दिया गया। इसी तरह टीम ने 30 अप्रैल को ही रिजर्वेशन क्लर्क को हिसाब में 2600 रुपए अधिक मिलने पर इस पर भी कार्रवाई की।
ट्रेन में रतलाम से मुंबई स्टाफ की वर्किंग थी। ऐसी कोच बी-4 में कंडक्टर काशीराम सवार हुआ। इस ट्रेन में औचक जांच के लिए वापी स्टेशन से विजिलेंस टीम चढ़ी। इसके बाद धरपकड़ करवाई शुरू की।
4 यात्री बिना टिकट मिले, 4180 रूपए वसूले
कोच कंडक्टर से राशि अधिक मिलने के बाद कोच में यात्रियों की भी जांच की गई। कंडक्टर द्वारा चेक किए जा चुके कोच की दोबारा जांच की। तब कुल 4 यात्री बिना टिकट पाए गए। इस पर कर्मचारी से भी सवाल-जवाब किए गए। यात्रियों से 4180 रुपए की वसूली की गई। विजिलेंस टीम ने सतर्कता इस कार्रवाई में कुल 16,890 रूपए की वसूली कर रेलवे राजस्व में जमा करवाए गए।
छायापूरी स्टेशन पर क्लर्क धराया।
इसी तरह टीम द्वारा बीती रात को छायापुरी बुकिंग कार्यालय में आकस्मिक जांच की गई। गाड़ी संख्या 19421 अहमदाबाद पटना की बुकिंग के बाद जांच की गई। जिस दौरान कुल 2600 दो रुपए बुकिंग क्लर्क अनिल भाटिया मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक के सरकारी केश में अधिक पाए गए। जिसे नियमानुसार रेलवे राजस्व में जमा किए।
पूछताछ में कई यात्रियों द्वारा मौखिक तौर पर यह बताया कि बुकिंग क्लर्क द्वारा टिकट पर अंकित राशि से अधिक की वसूली सुपरफास्ट चार्ज या अन्य चार्ज के नाम पर की गई।
इस मामले में विजिलेंस इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पर मुख्यालय द्वारा क्लर्कके विरुद्ध अब कार्रवाई तय की जाएगी।
देहरादून एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में शिकायत
इधर, रतलाम से निकलने वाली देहरादून एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में भी बीच के स्टेशनों पर अवैध रुपए लेकर यात्रियों को बिठाने की शिकायत है। सीटीआई ऑफिस रतलाम में ड्यूटी रोस्टर की मनमानी, जूनियर कर्मचारियों को ऐसी कोच की वर्किंग देने व सीनियर कर्मचारियों को नियमों से वर्किंग से वंचित करने जैसे मामले भी आए है। सूत्रों के मुताबिक ये मामले भी दबे-छुपे विजिलेंस तक पहुंचने पर यहां भी कार्रवाई संभव है।