बुजुर्ग आरोपी गिरफ्तार….गलत नियत से महिला को खाने में नशे की दी गोली, जबर्दस्ती करने पर विरोध किया तो गला घोंटा, बाद में शव के किए थे टुकड़े
-मामला इंदौर यार्ड में खड़ी ट्रेन में महिला की टीकड़ों में मिली लाश का।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। इंदौर रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी ट्रेन में महिला के टुकड़ों में मिले शव की पहचान के बाद इंदौर जीआरपी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने हवस मिटाने के लिए महिला को खाने में नशे की गोली मिलाकर दी। जोर ज़बर्दस्ती का विरोध करने पर उसने महिला का गला घोंटा। बाद में शव को ठिकाने लगाने इसे काटकर तीन ठेलों में भरकर दो अलग अलग ट्रेनों में रख दिए थे। पुलिस ने मृतका की मोबाइल सीम उपयोग करने व इसकी मूक बधिर पत्नी की सहायता से इसकी धरपकड़ की।
इंदौर प्लेटफॉर्म 1 से अकेली बैठी महिला से संपर्क में आया
पुलिस के मुताबिक मीरा बाई 6 जून को रतलाम जिले के मऊ गांव से लापता हो गई थी। शाम 3 से 4 बजे के बीच रेलवे स्टेशन उज्जैन में प्लेटफार्म नंबर 01 पर पूछताछ कार्यालय के पास वह अकेले बैठी थी। 60 वर्षीय बुजुर्ग आरोपी कमलेश ने अकेली बैठी मीरा बाई के पास आकर पूछताछ कर आत्मीयता दिखाई। तब मृतिका ने बताया वह पति से नाराज होकर आ गई है। उसे मथुरा जाना है। आरोपी कमलेश ने महिला की मजबूरी देखते बहला-फुसलाकर उससे कहा कि अभी कोई ट्रेन नहीं है। मेरे घर चलो खाना खाकर ट्रेन आने पर बैठा दूंगा। घर ले जाकर खाना खिलाकर सो गए। 7 जून की सुबह आरोपी कमलेश ने शारीरिक संबध बनाने के लिए मृतिका मीरा को खाने में नींद की गोली मिलाकर दे दी। जिससे उसे बेहोशी आने लगी। फायदा उठाकर आरोपी कमलेश ने मीरा के साथ शारीरिक संबध बनाने का प्रयास किया। हालांकि महिला पूरी तरह से बेहोश न होने से माजरा भाप गई तथा विरोध कर चिल्लाने लगी। तब आरोपी ने लोहे के बड़े नट से उसके मुंह पर वार कर दिया। जिससे वह बेहोश हो गई। आरोपी कमलेश ने रस्सी से गला घोटकर मीरा बाई की जान ले ली।
अब शुरू हुई लाश ठिकाने लगाने की प्लानिंग
महिला को मौत के घाट उतारने के बाद उसकी लाश को ठिकाने उसने बाजार से एक लोहे का सतुर (छुरा) खरीदा। शरीर काटकर बैग तथा बोरियों में भरकर रखा ताकि पहचान न हो सके। इसकी अलग-अलग तीन पैकिंग की गई। दो पैकिंग 8 जून को सुबह सी केबिन जीरो पाईन्ट उज्जैन आऊटर पर रुकी इंदौर-नागदा पैसेंजर ट्रेन में बैग एवं बोरी सीट के नीचे जमा कर रख दिए। शाम को एक पैकिंग उसी स्थान पर खड़ी इंदौर-देहरादून ट्रेन के कोच की कपलिंग में रख घर में छिप गया।
हाथ का टेटू भी पहचान में हुआ सहायक
इधर, घटना में शव बरामद होने के बाद टीम द्वारा मृतिका की पहचान के लिए पुलिस ने पम्प्लेट के माध्यम से मृतिका के हुलिया तथा हाथ लिखा टेटु (गुदना) का प्रचार-प्रसार किया गया। जांच में तथ्य उभरकर आया कि टेटु का पैटर्न झाबुआ व रतलाम की पारंपरिक प्रचलन से जुड़ा है। क्योंकि माता पिता भाई-बहन का नाम बचपन में मेले में लिखा दिया करते है। अतः गुजरात से लगे क्षेत्रों के आधार पर थानों पर पंजीबद्ध गुमशुदगी तलाश की गई। जो थाना बिलपांक जिला रतलाम की गुमशुदगी क्रमांक 76/2024 की महिला मीराबाई पति भँवरलाल डामर का हुलिया एवं गुमशुदगी का मिलान हुआ। तब पुलिस ने परिजनों से संपर्क कर मृतिका के पास से मिले सामान व हाथ का गुदना बताया। पति भँवरलाल ने मृतिका को अपनी पत्नी मीरा बाई उम्र 37 साल नि. ग्राम मऊ थाना बिलपांक जिला रतलाम की होना बताया। सभी सूक्ष्म बिंदुओं का गहन अध्ययन, संदिग्धों से पूछताछ की गई। घटना व आरोपी की तलाश के लिए सायबर सेल तथा मुखबिर की सहायता के घटना एवं अज्ञात आरोपी की तलाश की गई। संदेही कमलेश पिता रामप्रसाद पटेल उम्र (60) साल नि. ग्राम पिपरोनिया थाना बाला बेहट जिला ललितपुर (उ.प्र.) हाल मुकाम (वर्तमान में लगभग 15 वर्षो से रह रहा) हीरा मील की चाल थाना देवास गेट उज्जैन का निकला।
मूक बधिर पत्नी ने भी की सहायता
संदेही कमलेश की पत्नी आरती जो मूक बधिर है इसने भी पुलिस की सहायता की। मूक बधिर विशेषज्ञ ज्ञानेन्द्र पुरोहित की सहायता से इससे पूछताछ की। तब घटना के संबध में जानकारी प्राप्त हुई।
इधर, संदेही कमलेश द्वारा घटना के संबध में गलत जानकारी दी जा रही थी किंतु घटना के साक्ष्यों के आधार पर आरोपी द्वारा घटना में हत्या करना कबूल लिया।
यह था पूरा घटनाक्रम
8 जून 2024 को रेलवे स्टेशन इंदौर के यार्ड में खड़ी ट्रेन क्रमांक 09198 / 09588 डॉ. अम्बेडकर नगर-महू-इंदौर पैसेंजर ट्रेन के जनरल कोच में सीट के नीचे एक अज्ञात महिला उम्र करीब 25 से 30 साल का शव काले रंग के ट्राली बैग तथा सफेद प्लास्टीक की बोरी में कत्थाई तथा लाल एवं गुलाबी रंग की शॉल में लपेटकर सीट के नीचे रखा हुआ पाया गया। पुलिस की अज्ञात महिला की मौत दो-तीन दिन पूर्व होना प्रतित हुआ। इसी शव का कटा हुआ अन्य भाग दोनों हाथ एवं दोनों पैर 10 जून को रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (उत्तराखंड) में लक्ष्मीबाई नगर इंदौर से ऋषिकेश जाने वाली योग नगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस ट्रेन के S/1 व S/2 कोच के बीच कपलिंग में चावल की प्लास्टिक की बोरी में बंधा रखा मिला। हाथ पर मीराबेन गोपाल भाई का गुदा हुआ नाम मिला। अज्ञात मृतिका के शव को अज्ञात आरोपी द्वारा साक्ष्य छिपाने के लिए अलग-अलग ट्रेन में रखा गया प्रतीत हुआ। जीआरपी थाना इंदौर द्वारा अपराध क्रमांक 133/2024 धारा 302,201 भादवि का पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया।
प्रकरण की गंभीरता को देखते संतोष कोरी, पुलिस अधीक्षक, रेल इंदौर द्वारा राजेन्द्र कुमार, उप पुलिस अधीक्षक रेल इंदौर के नेतृत्व में निरी. संजय शुक्ला थाना प्रभारी थाना जीआरपी इंदौर, थाने के अन्य स्टाफ, सायबर सेल, सीसीटीएनएस शाखा, डिटेक्टीव शाखा तथा जीआरपी थाना रतलाम व मेघनगर के अधिकारी कर्मचारियों को शामिल कर उक्त मामले का खुलासा करने एवं अज्ञात महिला व अज्ञात आरोपी की पतारसी के लिए विवेचना टीम (एसआईटी) का गठन किया जाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।