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कहानी बंगला नंबर 1639-बी…डेढ़ साल पहले एक अधिकारी ने कराई मरम्मत, दूसरे ने फिर शुरू कर दी तोड़फोड़

-वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद ठेकेदार ने शुरू की बंगले में अंडरग्राउंड वायरिंग, किचन सहित अन्य काम।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेल अफसरों के बंगलों में मरम्मत के नाम पर रेलवे राजस्व की बर्बादी का क्रम बदस्तूर जारी है। एक और नई कहानी न्यू रेलवे कॉलोनी स्थित बंगला नंबर 1639-बी की सामने आई है। यहां एक पूर्व अधिकारी ने तकरीबन डेढ़ साल पहले ही बंगले की मरम्मत कराई थी। अब वहां निवास करने आए दूसरे अधिकारी को यह बंगला रास नहीं आया। इसलिए एक बार फिर से इसमें मरम्मत शुरू कर दी। कर्मचारियों के क्वार्टर्स की शिकायतों को सुना-अनसुना कर आगे बढ़ जाने वाले आईओडब्ल्यू विभाग के इंजीनियरों ने इसका वर्क सेक्शन मंजूर कर काम भी शुरू करवा दिया। अधिकारी रेस्ट हाउस ‘मालवा’ के काम से फ्री होने के बाद ठेकेदार सहित अधिकारी की तयशुदा टीम इन बंगलों की मरम्मत के लिए तेजी से जुट जाएंगी।


ध्यान देने वाली बात यह है कि रेलवे कालोनियों में जर्जर क्वार्टर की शिकायतों के निदान के लिए कर्मचारी आवेदन देकर कई दिनों तक अपनी बारी के इंतजार में बीता देते है। अंततः वे ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों की शरण ने जाने को मजबूर होते है। इसके बाद बैठकों में मुद्दे बनाने का दौर शुरू होता है। तब तक क्वार्टर्स की स्थिति और बदतर होने लगती है।

पहले की गई ओपन वायरिंग अब अंडरग्राउंड

बंगला नंबर 1639-बी में पहले वायरिंग सहित अन्य काम पूरे किए गए थे। नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर ट्रेड यूनियन से जुड़े पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि इस बंगले में तत्कालीन सीनियर डीएफएम मानसी सिंह का निवास था। तब करीब डेढ़ साल पहले ही वायरिंग, किचन सहित अन्य काम किए गए थे। लेखा विभाग से मंजूरी दी गई थी। इस बंगले में हाल ही में सीनियर डीईई टीआरडी सुरेश कुमार रहने आए। अब इसमें दोबारा मरम्मत शुरू कर दिया गया। पहले ओपन इलेक्ट्रिक वायरिंग की गई थी। इसे उखाड़कर अंडरग्राउंड वायरिंग करने के लिए झिरी खोदी गई। किचन में अभी प्लास्टर, टाइल्स, पत्थर बदलने सहित अन्य काम शुरू कर दिए गए।


इधर, मामले में पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद के संगठन महामंत्री व जेडआरयूसीसी के सदस्य शिवलहरी शर्मा ने कहा कि आईओडब्ल्यू के अधिकारियों को अधिकारी के बंगलों की तरह कर्मचारियों के क्वार्टर की मरम्मत को प्राथमिकता में शामिल करना चाहिए।

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