-फैमेली पेंशन के नाम पर दिवंगत रेलकर्मी के बेटे से रुपए लेते ही धराया।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। रेलवे में फैमेली पेंशन के नाम पर 10 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते एक क्लर्क को विजिलेंस ने ट्रेस किया है। एकाएक हुई इस कार्रवाई से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। मामले में विजिलेंस द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट के आधार पर क्लर्क पर विभागीय कार्रवाई तय की जाएगी।
मंगलवार के दिन भी रोज की तरह रेलवे के कार्मिक विभाग की प्रशासनिक गतिविधि सामान्य तौर पर चल रही थी। तभी अचानक मुंबई विजिलेंस टीम की धमाकेदार एंट्री हुई। कोई कुछ समझ पाता इतने में क्लर्क को ट्रेस कर कार्रवाई शुरू कर दी गई।
फैमेली पेंशन में नाम चढ़वाने के लिए मांगे रुपए
दरअसल रिश्वतखोरी का यह मामला फैमेली पेंशन के लिए रेलवे रिकार्ड में नाम जुड़वाने को लेकर रहा। दिवंगत रेलकर्मी के बेटे आरस ने इसकी विजिलेंस में लिखित में शिकायत की थी कि फैमेली पेंशन में उसका नाम जुड़वाने के लिए डिलिंग क्लर्क द्वारा उससे रिश्वत की मांग की जा रही है। इसके बाद विजिलेंस इंस्पेक्टर, आरपीएफ जवान सहित पांच सदस्यीय टीम द्वारा पहचान के लिए तय नंबर के नोट देकर क्लर्क को पकड़ने का जाल बिछाया गया।
इधर, सब कुछ तय होने के बाद मंगलवार सुबह करीब 11.30 बजे सेटेलमेंट सेक्शन में कार्यरत क्लर्क (ओएस) सीपी पांडे के कहे अनुसार क्लर्क शिवलाल मीना को रेलकर्मी के बेटे से उन्हीं नंबरों के नोट (10 हजार रुपए) लेने रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 7 की ओर भेजा गया।तभी विजिलेंस टीम ने वहां शिवलाल मीणा को पकड़ लिया।
बहनों के बाद भाई का जुड़वाना था नाम
जानकारी के मुताबिक दिवंगत ट्रैकमैन रेलकर्मी सकरिया गेमा की 2013 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद अविवाहित दो बेटियों को बारी-बारी से फैमेली पेंशन का लाभ मिलता रहा। इन दोनों बेटियों की शादी के बाद नियमों से पेंशन बंद कर दी गई। ऐसे में 23 वर्षीय तीसरे बेटे आरस को 25 वर्ष तक पेंशन की पात्रता थी। इस अवधि तक पेंशन का लाभ लेने के लिए बेटा आरस रेलवे रिकार्ड में अपना नाम जुड़वाना चाह रहा था। इसके एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की गई।
मामले में पीआरओ खेमराज मीणा से जानकारी लेने चाही गई। लेकिन उन्होंने दो बार फोन कॉल रिसीव नहीं किया। इधर, क्लर्क शिवलाल मीना ने मामले को दबाते हुए कहा कि मुझ पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है।