-मामला ग्राम करमदी में 200 वर्ष प्राचीन जैन तीर्थ स्थित का।
– श्री शत्रुंजय जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी करमदी ने भ्रामक प्रचार को ख़ारिज किया।
न्यूज जंक्शन-18
रतलाम। ग्राम करमदी में 200 वर्ष प्राचीन जैन तीर्थ परिसर स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर पर धर्म ध्वजा के विरोध संबंधित दुष्प्रचार को श्री शत्रुंजय जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी ने सिरे से ख़ारिज किया है।
कमेटी सदस्यों के मुताबिक करमदी तीर्थ परिसर में दो जैन मंदिर भी स्थित है। जो शहर ही नहीं अपितु पूरे देश के जैन धर्मावलंबियों की आस्था एवं श्रद्धा का केन्द्र है। तीर्थ परिसर में ही श्री खेड़ापति हनुमान जी की प्रतिमा विराजित है। विगत कुछ दिनों से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है व दुष्प्रचार किया जा रहा कि जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा खेड़ापति हनुमान जी के स्थान पर भगवा धर्म ध्वजा नहीं लगाने देकर विरोध किया जा रहा है। साथ ही खेड़ापति हनुमान जी के स्थान पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा आपत्ति ली जा रही है। यह भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया व अन्य साधनों द्वारा समाज में फैलाई जा रही है।
मामले में यह खुलासा किया कि वास्तविकता में जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा कभी भी भगवा धर्म ध्वजा खेड़ापति हनुमान जी मंदिर पर लगाने का विरोध नहीं किया। नहीं किसी भी कार्यक्रम को लेकर कोई आपत्ति जताई गई। साथ ही दर्शन पूजन के लिए आने वाले दर्शनार्थियों को कभी रोका-टोका नहीं गया है।
बार-बार जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी द्वारा यह निवेदन और आग्रह किया गया कि जहां पर पहले भगवा धर्म ध्वजा लगी हुई थी उसी स्थान पर उसे स्थापित किया जाए। न कि अन्यत्र स्थान पर धर्म ध्वजा को स्थापित किया जाए। जैन तीर्थ व्यवस्थापक कमेटी सदैव शांति प्रिय समाज की धारणा में विश्वास रखते हुए हिन्दुत्व व भगवा ध्वज में आस्था रखती है।इस मामले में जो दुष्प्रचार किया जा रहा है, उसका सर्वथा खंडन करती है। सभी समाजजनों से अपील करती है कि इस प्रकार की भ्रामक जानकारी एवं दुष्प्रचार से समाज की एकता और अखंडता को प्रभावित नहीं होने दे।