-वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन में चेहरा साफ, इस पखवाड़े बनेगी आम सहमति।
न्यूज़ जंक्शन-18
रतलाम। ट्रेड यूनियनों में पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर गहमागहमी को देखते इन संगठनों में भी नजारा अब राजनीतिक पार्टियों जैसा दिखाई देने लगा है। बात रेलवे की दोनों ट्रेड यूनियनों में आगामी मंडल अध्यक्ष पद को लेकर की जा रही है। वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन में लगभग चेहरा साफ है। माह के इस पखवाड़े में यह तस्वीर और साफ हो जाएगी। जबकि वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ में अभी भी खेमेबाजी जारी है।
महामंत्री जेआर भोसले जून माह में यूनियन के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रतलाम आए थे। पहले उम्मीद की जा रही थी कि आगामी अध्यक्ष के लिए एक अदद नाम की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन उस दौरान ऐसा कुछ भी नही हुआ। बल्कि वे संगठन की सातों ब्रांच के पदाधिकारियों की बैठक में शामिल हुए। उन्होंने संगठन को लेकर सदस्यता सहित कई मुद्दों पर महज चर्चा की। वे पदाधिकारियों से प्रत्यक्ष रूबरू हुए।
इस पखवाड़े में दोबारा मीटिंग, फैसला लगभग तय
यूनियन के मंडलीय सूत्रों की माने तो महामंत्री भोसले इस पखवाड़े फिर से रतलाम आएंगे। इसमे वे सभी ब्रांच पदाधिकारी की संगठनात्मक मीटिंग लेंगे। सम्भवतः इस दौरान ही वे नए अध्यक्ष को लेकर मंडल मंत्री मनोहर बारौठ सहित अन्य पदाधिकारी से रायशुमारी करेंगे। दूसरी ओर पिछले दौरे में दी गई तबज्जो को देखते हुए पूरी संभावना जताई जा रही है कि महामंत्री भोसले यहां सहायक मंडल मंत्री नरेंद्र सिंह सोलंकी को यूनियन के मंडल अध्यक्ष पद की कमान सौपने के लिए अपनी राय व्यक्त कर सकते है।
मजदूर संघ में एक से अधिक चेहरे
इधर, वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ में अगस्त के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाना है। इस संगठन में अध्यक्ष पद के दावेदारों की फेहरिस्त कुछ ज्यादा है। हालांकि संगठन में कुछ नामों पर कोई मंथन ही नही है। इसके बाद भी प्रताप गिरी, चैतन्य चौधरी (उज्जैन) व सचिन मिश्रा (दाहोद) प्रमुखता में शामिल है।
हालांकि संगठन की रीति के मुताबिक कोई अन्य नाम पर मुहर लग जाए तो भी आश्चर्यजनक बात नही है। क्योंकि संगठन के आला पदाधिकारी यह मान कर चल रहे हैं कि संगठन हित में किसी अन्य नाम का चयन करना भी है तो कर ही लेंगे। क्योकि शुरुआती हो-हल्ला व आक्रोश-विरोध के बाद कुछ दिनों में ही मामला शांत हो जाएगा।